Chanakya Niti: सफलता की तरफ ले जाती हैं मनुष्य की ये आदतें,ऐसे मनुष्य को कभी नहीं मिलती असफलता
चाणक्य के अनुसार मनुष्य को अपने पास उपलब्ध धन का उपयोग बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए

Chanakya Niti:चाणक्य द्वारा लिखी गई नीतियों को कई युवा पढ़ते हैं और उनका पालन करते हैं। इसमें चाणक्य ने जीवन में सफलता के अनेक गुणों का उल्लेख किया है जिनका पालन करने से मनुष्य को सफलता मिलती है।
चाणक्य नीति में कहा गया है कि मनुष्य में कई बुरी आदतें होती हैं जो उसे सफल होने से रोकती हैं। आइए जानें ऐसी कौन सी बुरी आदतें हैं जिन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए।
जीवन में सफल होने का एक ही तरीका है कि कड़ी मेहनत की जाए। लेकिन कई बार लोग उसमें भी सफल नहीं हो पाते हैं। इससे कई लोगों को निराशा हाथ लगती है। चाणक्य ने चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र किया है कि इंसान में कई बुरी आदतें होती हैं।
जो उसे सफल होने से रोकती हैं। मनुष्य को तुरंत इन आदतों को छोड़ देना चाहिए। आइए जानते हैं कि ऐसी कौन सी बुरी आदतें हैं जो इंसान को तुरंत छोड़ देनी चाहिए।
बातों को बढ़ा-चढ़ाकर ना बोले
चाणक्य के अनुसार कभी भी बातों को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं बताना चाहिए, क्योंकि जो लोग हर बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, वे समाज में उपहास का पात्र बनते हैं। इससे लोग आपकी इज्जत नहीं करते इसलिए आपको इस बुरी आदत को तुरंत त्याग देना चाहिए।
लालची मत बनो
चाणक्य कहते हैं कि जब व्यक्ति लालच में फंस जाता है तो उसकी सुख-शांति गायब हो जाती है और व्यक्ति छोटे-छोटे सुखों का भी आनंद नहीं ले पाता है। साथ ही ऐसे मनुष्य को सम्मान नहीं मिलता इसलिए मनुष्य को अपनी इस आदत को भी त्याग देना चाहिए।
धन का दुरुपयोग ना करे
चाणक्य के अनुसार मनुष्य को अपने पास उपलब्ध धन का उपयोग बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए। जो दूसरों को हानि पहुँचाने के लिए धन का दुरूपयोग करते हैं,उनकी छवि एक पाखंडी व्यक्ति की बन जाती है। ऐसे लोग जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ते। ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी भी कोसों दूर रहती हैं।
भेदभाव की आदत त्याग दो
चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को कभी भी भेदभाव का भाव नहीं रखना चाहिए। इस तरह की गलत सोच रखने वाले लोग जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते हैं।ऐसे लोग अपने अहंकार में जीते हैं, जिसके कारण दूसरे उनसे किनारा कर लेते हैं। ऐसे पुरुषों को समाज में कभी सम्मान नहीं मिलता।
बुरी संगत और बुराई
चाणक्य नीति में कहा गया है कि कभी भी बुरी संगति का साथ नहीं देना चाहिए। इस तरह की संगति ही मनुष्य को बुराई और पतन के रास्ते पर ले जाती है।इस गलत संगति से आज तक किसी का भला नहीं हुआ। ऐसे साहचर्य के कारण वह परिवार और दोस्तों और रिश्तेदारों का समर्थन भी खो देता है।
परिश्रम
चाणक्य के अनुसार अमीर बनने की सोच आपको अमीर नहीं बना सकती। परिश्रम और संयम भी जरूरी है। इसलिए मेहनत करने से कभी न घबराएं। यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप कभी निराश नहीं होंगे।
मधुरभाषी
चाणक्य के अनुसार मीठा बोलने वालों को जीवन में जल्द सफलता मिलती है। वहीं दूसरी ओर कटु वचन बोलने वाले व्यक्ति जीवन में हमेशा असफल होते हैं, क्योंकि उनकी वाणी और व्यवहार से दूसरों को ठेस पहुंचती है। इसके लिए करियर और व्यापार में सफल होने और धनवान बनने के लिए व्यक्ति को मधुरभाषी होना चाहिए।
एकाग्रता
व्यक्ति को हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर ध्यान देना चाहिए। इससे व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलती है। साथ ही कार्य शीघ्र सफल होते हैं।