Haryana and Punjab Government: SYL नहर विवाद के बाद अब इस वजह से हरियाणा-पंजाब सरकारें आमने-सामने, जानें क्या है पूरा मामला
Stubble Burning Isssues: पंजाब सरकार जहां एक तरफ पराली जलाने के मामले कम होने का दावा कर रही है। उधर, सीएम मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार फेल हो गई है.

Haryana and Punjab Government: हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर विवाद अभी सुलझा भी नहीं था कि एक बार फिर हरियाणा की बीजेपी सरकार और पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार आमने-सामने आ गईं।
पंजाब सरकार ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले साल की तुलना में इस साल राज्य में पराली जलाने के मामले कम हैं। जबकि हरियाणा सरकार ने नासा की सैटेलाइट इमेज जारी कर दावा किया कि पंजाब में पराली जलाने के मामले हरियाणा से दोगुने से भी ज्यादा हैं.
पंजाब ने दावा किया
आपको बता दें कि ये दावा पंजाब की ओर से किया गया था. 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पिछले साल की तुलना में इस बार पराली जलाने के काफी कम मामले सामने आए. पिछले साल पराली जलाने की 5,798 घटनाएं हुईं.
इस साल पराली जलाने के मामलों में 53 फीसदी की कमी आई है. इस साल 2,704 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने यह भी दावा किया था कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है.
हरियाणा सरकार ने क्या कहा?
हरियाणा ने जारी की पराली जलाने की तस्वीरें. पंजाब के दावे पर सफाई देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि नासा की तस्वीरों से साफ पता चलता है कि कहां खेतों में आग लगी है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में हरियाणा की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा पराली जलाई जाती है. हरियाणा में पराली जलाने के मामले जरूर कम हुए हैं. हरियाणा सरकार ने इस पर काबू पा लिया है. नासा के आंकड़ों पर अरविंद केजरीवाल की चुप्पी सवालों के घेरे में है.
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय एजेंसियां प्रदूषण पर डेटा नहीं दे रही हैं. अब उन्हें इसकी आवश्यकता क्यों है? पंजाब सरकार विफल हो गई है और अरविंद केजरीवाल का चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है।