Chanakya Niti:समाज मे पाना चाहते हैं मान-सम्मान तो तुरंत त्याग दें ये दूरी आदतें,
चाणक्य के अनुसार कभी भी किसी भी बात को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहना चाहिए, क्योंकि जो मनुष्य हर बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं, वे समाज में उपहास का पात्र बनते हैं।
Chanakya Niti:चाणक्य नीति में धर्म, अर्थ और कर्तव्य के साथ-साथ जीवन की कई महत्वपूर्ण नीतियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही उन्होंने कुछ ऐसी आदतों का भी जिक्र किया है जिनके कारण मनुष्य को अपमान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपका मान-सम्मान हमेशा बरकरार रहे तो आपको इन आदतों को तुरंत छोड़ देना चाहिए।
समाज मे पाना चाहते हैं मान-सम्मान तो तुरंत त्याग दें ये दूरी आदतें,
बातों को बढ़ा-चढ़ाकर ना कहे
चाणक्य के अनुसार कभी भी किसी भी बात को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहना चाहिए, क्योंकि जो मनुष्य हर बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं, वे समाज में उपहास का पात्र बनते हैं। इससे मनुष्य आपका सम्मान नहीं करते इसलिए आपको इस बुरी आदत को तुरंत छोड़ देना चाहिए।
झूठ न बोलें
जो मनुष्य झूठ बोलते हैं या झूठ के सहारे जीवन में सफलता हासिल करते हैं उन्हें इसी वजह से अपमान का सामना करना पड़ता है। झूठ बोलकर हासिल की गई सफलता ज्यादा समय तक नहीं टिकती क्योंकि सच एक दिन सबके सामने आ ही जाता है।इसलिए इस बुरी आदत को तुरंत छोड़ देना चाहिए।
सम्मान करोगे तो सम्मान पाओगे
यदि हमें कोई बड़ा पद, धन-प्रतिष्ठा मिले तो हमें अहंकार नहीं करना चाहिए। दूसरों का अपमान न करें।यदि हम सभी का सम्मान करेंगे तो हमारा भी सम्मान अपने आप हो जाएगा।
दूसरों की आलोचना न करें
चाणक्य कहते हैं कि किसी की पीठ पीछे निंदा नहीं करनी चाहिए। जो मनुष्य दूसरों की निंदा करते हैं उन्हें एक दिन अपनी आदत के कारण अपमान का सामना करना पड़ता है। इसलिए मनुष्य को तुरंत ही इस बुरी आदत को छोड़ देना चाहिए। ऐसे मनुष्य से भी दूर रहें जो दूसरों के प्रति आलोचनात्मक हों।
लालच न करें
चाणक्य कहते हैं कि जब कोई मनुष्य लालच में फंस जाता है तो उसकी सुख-शांति गायब हो जाती है और मनुष्य छोटे-छोटे सुखों का भी आनंद नहीं ले पाता है। साथ ही ऐसे मनुष्य को कभी भी सम्मान नहीं मिल पाता है इसलिए मनुष्य को अपनी यह आदत भी छोड़ देनी चाहिए।