Karnal Weather Update: हरियाणा के करनाल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, किसानों ने सरकार से की मुआवजे की मांग
Karnal News: करनाल के इंद्री विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में बारिश और ओलावृष्टि से सरसों और सब्जियों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई, जिसके बाद किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
Karnal Weather Update: हरियाणा में बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम का सबसे बुरा असर करनाल के इंद्री विधानसभा क्षेत्र में हुआ, जहां एक दर्जन से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है. बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की सरसों की फसल और सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो गईं।
करनाल के इंद्री विधानसभा क्षेत्र के ये गांव हुए प्रभावित
करनाल के इंद्री विधानसभा क्षेत्र के राजेपुर, उमरपुर, लबकरी, करतारपुर, तुसंग, गढ़ी बीरबल और इस्लामनगर गांव बारिश और ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ओलावृष्टि से सरसों व सब्जियां पूरी तरह नष्ट हो गईं।
हरियाणा के कई जिलों में गुरुवार को अचानक मौसम बदलने से देर शाम बारिश और ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से सरसों और सब्जी की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने उनकी कमर तोड़ दी है।
किसान फसल तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन जब प्रकृति की मार पड़ती है तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है। किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से उनकी सारी सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल है।
सरकार से मुआवजे की मांग की
किसानों ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान के लिए सरकार से मुआवजे की भी मांग की है ताकि वे दूसरी फसल उगा सकें. भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष मंजीत सिंह लालर ने बताया कि जिन गांवों में मानसून के साथ भारी ओलावृष्टि हुई है, वहां के किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।
उनकी सरकार से मांग है कि किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। ताकि किसान अगली फसल उगा सके. किसान कर्ज लेकर अपनी फसल तैयार करता है, ऐसे में सरकार ही किसान की मदद कर सकती है. उन्होंने अपील की कि प्रशासन और सरकार तुरंत इस मुद्दे पर ध्यान दें और किसानों की मदद करें.
गेहूँ एवं गन्ने को लाभ
बारिश और ओलावृष्टि से जहां सरसों और सब्जियों की फसल को नुकसान हुआ है, वहीं गन्ना और गेहूं की फसल के लिए बारिश फायदेमंद होगी। ओलावृष्टि से यदि गेहूं का पौधा टूट भी गया तो कुछ ही समय में वह सामान्य हो जाएगा।