Yamuna Water Level: घटने लगा यमुना का जलस्तर,जलविद्युत परियोजनाएं प्रभावित,हरियाणा में गहरा सकता है जल संकट
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अब मौसम बदल सकता है, बर्फबारी और तापमान में गिरावट की उम्मीद है। अगर ऐसी स्थिति बनी तो पश्चिमी, दक्षिणी हरियाणा और दिल्ली में जल संकट गहरा सकता है ।
Yamuna Water Level : पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर घटने लगा है।पहाड़ों पर बर्फ पिघलना बंद हो गई है, इससे पानी की कमी होने लगी है।
हालांकि दो दिनों से दोपहर में धूप निकलने से स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है,लेकिन दिन ढलने के बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसके हथिनीकुंड में पानी की मात्रा आवश्यकता से बहुत कम है।Yamuna Water Level
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अब मौसम बदल सकता है, बर्फबारी और तापमान में गिरावट की उम्मीद है।अगर ऐसी स्थिति बनी तो पश्चिमी, दक्षिणी हरियाणा और दिल्ली में जल संकट गहरा सकता है ।
बैराज ने पानी की मांग को पूरा करने के लिए जलविद्युत परियोजनाओं की आपूर्ति में कटौती की है। कल शाम तक उत्तर प्रदेश को पानी नहीं दिया गया। जल आपूर्ति की कमी के कारण जलविद्युत परियोजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
हथिनीकुंड बैराज पर कल दोपहर एक बजे अधिकतम 4803 क्यूसेक रिकार्ड किया गया। जिसमें से 352 क्यूसेक पानी यमुना में और 4451 क्यूसेक पानी पश्चिमी यमुना नहर में छोड़ा गया।
जल विद्युत परियोजनाओं की आधी इकाइयों को चलाने के लिए 2700 क्यूसेक पानी की आवश्यकता होती है।यही स्थिति रही तो जलविद्युत योजनाओं की इकाइयां बंद करनी पड़ सकती हैं।
पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघलना बंद हो गई है।इससे मैदानी इलाकों में बिजली और पानी का संकट गहरा गया है।यमुना नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है,हालांकि बुधवार को जलस्तर बढ़ा था,लेकिन शाम और सुबह जलस्तर कम रहा।
दिन में पानी जरूरत से आधा रह जाता है।इससे पैन बिजली परियोजना की जलापूर्ति कम हो गयी है।इन इकाइयों को जरूरत का आधा पानी भी नहीं दिया जा रहा है।यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में बिजली संकट गहरा सकता है।