Satellite Toll Tax Dwarka Expressway : भारत में पहली बार इस एक्सप्रेसवे पर सैटेलाइट से कटेगा टोल टैक्स,इस हाइवे पर हो रही है टेस्टिंग
द्वारका एक्सप्रेस-वे पर दो महीने के बाद सैटेलाइट से टोल टैक्स कटना शुरू हो जाएगा। इस सिस्टम से टोल टैक्स वसूलने वाला यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा।
Satellite Toll Tax Dwarka Expressway : द्वारका एक्सप्रेस-वे पर दो महीने के बाद सैटेलाइट से टोल टैक्स कटना शुरू हो जाएगा। इस सिस्टम से टोल टैक्स वसूलने वाला यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा। यहां नए सिस्टम को लागू करने के लिए बेंगलुरु-मैसूर हाइवे पर टेस्टिंग हो रही है। यह देश का पहला शहरी एक्सप्रेसवे होगा।
यहां भारत का सबसे बड़ा 34 लेन का टोल गेट बनाया गया है।अब यह सैटेलाइट से टोल वसूलने वाला भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा। एनएचएआई बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग पर तकनीक के साथ टोल संग्रह का परीक्षण कर रहा है।Satellite Toll Tax Dwarka Expressway
द्वारका एक्सप्रेस-वे पर सभी व्यवस्थाएं अपडेट होने के बाद ही टोल वसूली आरभ होगी। सैटेलाइट सिस्टम से टोल कलेक्शन करने वाला यह भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा। इसके लिए एनएचएआई अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने की तैयारी मे लगा हुआ है।
इस सिस्टम में वाहन चालकों को टोल गेट पर रुकना नहीं पड़ेगा।एक्सप्रेस-वे पर वाहन चलते ही ड्राइवर के खाते से टोल अपने आप कटेगा। खास बात यह होगी कि जितनी अधिक दूरी तय की जाएगी, उतने अधिक किलोमीटर की दर से टोल कटेगा।Satellite Toll Tax Dwarka Expressway
एक्सप्रेस-वे पर स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे विशेष रूप से सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर लगेगे। जैसे ही कोई वाहन चालक एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश करेगा, उसके वाहन का नंबर और वाहन का प्रकार एनएचएआई के मॉडर्न इंटेलिजेंस सिस्टम में अपलोड होगा।
द्वारका-गुड़गांव सीमा पर बजघेड़ा के पार टोल गेट के पास आधुनिक खुफिया प्रणालियों से लैस एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। एक्सप्रेसवे में प्रवेश करने के बाद, जब चालक अपनी यात्रा पूरी करेगा, तो खुफिया तंत्र द्वारा स्थान भी दर्ज किया जाएगा।
एक्सप्रेस-वे पर सफर पूरा होते ही टोल से किलोमीटर की दर से पैसे की कटौती हो जाएगी। वाहन चालक के मोबाइल पर टोल की राशि का मैसेज भी आएगा कि उसने कितने किलोमीटर का सफर किया है।Satellite Toll Tax Dwarka Expressway
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जीपीएस टोल कलेक्शन सिस्टम ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम पर काम करेगा। इसके जरिए कार की लोकेशन पूरी तरह से ट्रैक हो जाती है। दूरी के हिसाब से टोल टैक्स की गणना की जाएगी और पैसे काटे जाएंगे।इसके लिए डिजिटल वॉलेट को ऑफशोर बैंकिंग यूनिट से जोड़ा गया है और इसी वॉलेट से पैसे काटें जाएगे।Satellite Toll Tax Dwarka Expressway