Weather

Monsoon 2024 Haryana : तेजी से हरियाणा की तरफ बढ़ रही है मानसून,मानसून से हरियाणा मे होगी भारी बारिश

हरियाणा और राजस्थान में 25 जून से 5 जुलाई के बीच मॉनसून पहुंच सकता है।

Monsoon 2024 Haryana : भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। मानसून केरल और पूर्वोत्तर भारत के रास्ते देश में प्रवेश कर चुका है। आने वाले दिनों में भीषण गर्मी से छुटकारा मिलने वाला है क्योंकि उत्तर भारत में मानसून से बारिश होने की संभावना है।

दक्षिण पश्चिम मानसून मौसम विभाग की पूर्वानुमान से एक दिन पहले ही केरल तट और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है। केरल में मानसून आमतौर पर 1 जून तक पहुचता है,जबकि उत्तर-पूर्व भारत के अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में 5 जून तक आता है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 15 मई को दक्षिण भारत में मानसून के 31 मई को पहुंचने की भविष्यवाणी की थी ।हालांकि,बाद में 29 मई को आईएमडी ने कहा था कि मानसून 30 मई को केरल तट और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकता है।

केरल में मानसून के प्रवेश के साथ ही आईएमडी ने एक मानसून मानचित्र जारी किया है जिसमें बताया गया है कि देश के अन्य राज्यों में मानसून कब तक पहुंचेगा।

Related Articles

मैप के अनुसार, दक्षिणी राज्यों के बाकी हिस्सों में 1 जून से 10 जून के बीच मॉनसून पहुंचने का अनुमान है दिल्ली में 30 जून तक मॉनसून पहुंचने का अनुमान है,जबकि हरियाणा और राजस्थान में 25 जून से 5 जुलाई के बीच मॉनसून पहुंच सकता है।

आईएमडी के अनुसार, मध्य प्रदेश में मानसून 15 जून से 25 जून के बीच पहुच सकती है। उत्तर प्रदेश में 20 से 25 जून के बीच मानसून पहुंचने का अनुमान है।

बिहार और झारखंड में 15 जून तक मॉनसून से पहली बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार,मानसून के एक से दो दिन देर या जल्दी आने की संभावना है।

यह भी पढे :Monsoon 2024 Haryana : हरियाणा वासियों को चिलचिलाती गर्मी से जल्द मिलने वाला है छुटकारा,27 जून से हरियाणा मे शुरू होगी मॉनसूनी बारिश

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि फिलहाल अभी अल नीनो की स्थिति बनी हुई है, लेकिन अगस्त-सितंबर तक ला नीना की स्थिति विकसित होने का अनुमान है।

यह भी पढे :Monsoon 2024 Haryana : तय समय से पहले हरियाणा और पंजाब मे पहुचने वाली है मॉनसून,जानिए हरियाणा मे कब होगी मॉनसून की बारिश

ल नीनो, जो मध्य प्रशांत महासागर में सतही जल के समय-समय पर गर्म होने से विकसित होता है, भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क स्थितियों से जुड़ा है। इसके विपरीत, ला नीना मानसून से दोरान भारी बारिश का कारण बनता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button