Gorakhpur Siliguri Expressway : बिहार के लोगों की मौजा ही मौजा, गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को मोदी सरकार ने दिखाई हरी झंडी,
मोदी सरकार ने गोरखपुर-सिलीगुड़ी 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दे दी है । एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 568 किलोमीटर होगी, जिसमें से 417 किलोमीटर या लगभग 73 प्रतिशत हिस्सा बिहार में बनाया जाएगा ।

Gorakhpur Siliguri Expressway : मोदी सरकार ने गोरखपुर-सिलीगुड़ी 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दे दी है । एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 568 किलोमीटर होगी, जिसमें से 417 किलोमीटर या लगभग 73 प्रतिशत हिस्सा बिहार में बनाया जाएगा । यह बिहार के लिए एक ऐतिहासिक विकास परियोजना होगी, जो बिहार की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और तीव्र बनाएगी ।
Gorakhpur Siliguri Expressway
यह एक्सप्रेसवे बिहार के आठ जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं । परियोजना के तहत यातायात को सुगम बनाने के लिए गंगा, बागमती और कोसी नदियों पर पुल भी बनाए जाएंगे।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने परियोजना को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे बिहार के परिवहन नेटवर्क को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई भी बढ़ेगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा । Gorakhpur Siliguri Expressway
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल लागत 38,645 करोड़ रुपये होगी । बिहार के हिस्से की लागत 27,552 करोड़ रुपये आंकी गई है । इस निवेश से राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी । Gorakhpur Siliguri Expressway
एक्सप्रेसवे को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि इस पर वाहनों की अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटा होगी। इससे लंबी दूरी की यात्रा में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी और लोग कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से सबसे अधिक लाभ उत्तर बिहार के लोगों को होगा। अब उन्हें पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तर प्रदेश और दिल्ली पहुंचने में कम समय लगेगा। यह राजमार्ग व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच यातायात को तेज और सुरक्षित बनाना है। इसके अलावा, यह पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बन जाएगा, जिससे उनकी कनेक्टिविटी में सुधार होगा और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे का निर्माण ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत किया जाएगा, अर्थात यह पूरी तरह से नए मार्ग पर बनाया जाएगा। इससे पुरानी और भीड़भाड़ वाली सड़कों से बचने और निर्बाध यातायात का लाभ मिलेगा ।
निर्माण की मुख्य विशेषताएं Gorakhpur Siliguri Expressway
एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरी तरह से आधुनिक तकनीक के अनुसार किया जाएगा ।
इसमें यातायात को आसानी से नियंत्रित करने के लिए कई पुल, फ्लाईओवर और अंडरपास होंगे ।
एक्सप्रेसवे पूरी तरह से टोल आधारित होगा, जिससे इसका रखरखाव सुचारू रहेगा ।
बिहार के कई इलाके राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों से जुड़ जाएगे ।
इस परियोजना से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है । निर्माण कार्यों के लिए इंजीनियरों, मजदूरों, तकनीशियनों और अन्य विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी, जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा ।
यात्री सुविधाएँ एक्सप्रेसवे Gorakhpur Siliguri Expressway
यात्रियों को कई सुविधाएँ भी प्रदान करेगा
राजमार्ग पर पेट्रोल पंप और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खाने-पीने के लिए विश्राम क्षेत्र और शराबखाने आपातकालीन हेल्पलाइन और चिकित्सा सुविधाएँ राजमार्ग पर निगरानी कैमरे और सुरक्षा प्रणाली