Reasons Of Earthquake: इतनी बार भूकंप आने का क्या है कारण? भारत में कहां है सबसे ज्यादा खतरनाक जगह
Earthquake: एक बार फिर हिली धरती, फिर डरे लोग लेकिन बार-बार आने वाले भूकंपों का कारण क्या है? आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है और भारत में कौन सी जगहें सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं।

Reasons Of Earthquake: भारत के लोग एक बार फिर चौंक गए जब धरती हिली। भूकंप का झटका दिल्ली एनसीआर समेत भारत के कई हिस्सों में महसूस किया गया. ये झटके बहुत देर तक महसूस किए गए हैं.
झटके के बाद लोग अपने-अपने घर छोड़कर भाग गए हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र नेपाल में था। भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किमी की गहराई पर था.
लेकिन भूकंप दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किया गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूकंप बार-बार क्यों आते हैं? आइए यह भी समझें कि भारत में कौन सी जगहें सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं।
भूकंप का कारण क्या है?
जब टेक्टोनिक प्लेटों की स्थिति बदलती है. पृथ्वी 12 टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। इन प्लेटों के टकराने से निकलने वाली ऊर्जा को भूकंप कहा जाता है।
ये प्लेटें बहुत धीरे-धीरे घूमती हैं और हर साल 4 से 5 मिमी अपनी जगह से हट जाती हैं। ऐसे में कोई प्लेट किसी के ऊपर से खिसक जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इस प्रक्रिया के दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आते हैं।
भारत में भूकंप क्षेत्रों को जोनों में विभाजित किया गया है
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रिंग ऑफ फायर में स्थित होने के कारण इंडोनेशिया में दुनिया में सबसे अधिक भूकंप आते हैं। जावा और सुमात्रा भी इसी क्षेत्र में हैं। अब अगर भारत की बात करें तो पिछले कुछ दशकों में भारत भी भूकंप का केंद्र बनता जा रहा है।
एक शोध के मुताबिक, भूकंप का खतरा देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है और खतरे के हिसाब से देश को कई जोन में बांटा गया है।
जैसे जोन-1, जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 जोन-2 का मतलब है सबसे कम जोखिम और जोन-5 का मतलब है सबसे ज्यादा खतरा. भूकंप के हिस्साब से सबसे खतरनाक इलाका जोन-5 है.
भारत का जोन-5 सबसे खतरनाक
जोन-5 में संपूर्ण पूर्वोत्तर भारत, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का क्षेत्र, उत्तरी बिहार के कुछ हिस्से और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। यह क्षेत्र अक्सर भूकंप से प्रभावित रहता है।
जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से, सिंधु-गंगा पठार, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के साथ महाराष्ट्र और राजस्थान के कुछ हिस्से शामिल हैं।
जोन-3: इसमें केरल, बिहार, पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पूर्वी गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं।
जोन-2: जोन-2 में राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश का कुछ हिस्सा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा शामिल हैं।
जोन-1: भूकंप के लिहाज से सबसे कम खतरनाक जोन यानी जोन-1 में पश्चिमी मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वी महाराष्ट्र और उड़ीसा के कुछ हिस्से शामिल हैं।
भूकंप का केंद्र क्या है?
पृथ्वी की सतह के नीचे वह स्थान जहाँ चट्टानें टकराती या टूटती हैं, भूकंप का केंद्र या फोकस कहलाता है। इसे हाइपोसेंटर भी कहा जाता है। इसी केंद्र से कंपन और भूकंप आने पर ऊर्जा तरंगों के रूप में फैलती है। यह कंपन बिल्कुल वैसा ही है जैसे किसी शांत तालाब में पत्थर फेंकने पर लहरें फैलती हैं
दिल्ली-NCR में भूकंप
पिछले कुछ सालों में जब भी भारत में भूकंप आया है, उसके झटके दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए हैं. विशेषज्ञ भी इसे चिंता का विषय बता रहे हैं. क्या पृथ्वी की सतह पर क्रिया होने पर भी टेक्टोनिक प्लेटों की स्थिति बदलती है, इन सभी सवालों के जवाब वैज्ञानिकों को परेशान कर रहे हैं। इस पर लगातार शोध किया जा रहा है.