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Mughal Emperor:इस जाट योद्धा ने मुगलों को चटा दी थी धूल,कब्र तक नहीं छोड़ा था इस मुगल का पीछा

औरंगजेब की हिंदू विरोधी नीतियों ने कई हिंदू राजाओं को मुगलों का विरोधी बना दिया था

Mughal Emperor:औरंगजेब की हिंदू विरोधी नीतियों ने कई हिंदू राजाओं को मुगलों का विरोधी बना दिया था।

मुगलों के इन विरोधियों में से एक भरतपुर जिले की सिनसिनी रियासत के राजाराम जाट थे।

मथुरा में औरंगजेब के खिलाफ जाटों का विद्रोह, मुगल फौजदार को जाटों ने मार डाला ।

युद्ध में पराजित होने के बाद राजा गोकुल जाट ने मथुरा को अपनी राजधानी बनाया।

1666 में, जाटों के नेता गोकुल ने मथुरा के स्थानीय मुगल फौजदार अब्दुल नबी की हत्या कर दी।

मुगलों की राजधानी आगरा पर पास 5 महीने तक गोकुल जाट ने अपना साम्राज्य कायम रखा और यह बात औरंगजेब से सहन नहीं हुई।

इसे कुचलने के लिए औरंगजेब दिल्ली से अपनी सेना लेकर आया और तिलपत का युद्ध हुआ।

इसमें गोकुल जाट हार गया। औरंगजेब ने 1670 में आगरा में गोकुल जाट और उसके सहयोगी उदय सिंह को फाँसी दे दी।

औरंगजेब से बदला लेना चाहता था राजाराम जाट

इस घटना के बाद राजाराम जाट औरंगजेब को सबक सिखाना चाहते थे, लेकिन उनके पास सीधे जाकर औरंगजेब से मुकाबला करने के लिए बड़ी सेना नहीं थी। राजाराम ने कुछ अलग करने का निश्चय किया।

राजाराम जाट ने आक्रमण किया, तब औरंगजेब दक्षिण भारत में था

उस समय औरंगजेब दक्षिण भारत में युद्ध में फँसा हुआ था। राजाराम जाट ने आगरा के सिकन्दरा के मकबरा पर आक्रमण किया। सिकंदरा जहां मुगल सम्राट अकबर को दफनाया गया था।

राजाराम जाट ने सिकंदरा में कब्र खोदकर अकबर की हड्डियाँ निकालीं

उस समय मुगल सेना सिकंदरा से 10 किमी दूर आगरा के किले में मौजूद थी, लेकिन डर के कारण सेना यहां नहीं पहुंची थी।

राजाराम ने सिकंदरा में अकबर की कब्र निकालकर उनकी हड्डियाँ निकालीं।

सम्राट अकबर की अस्थियों का अंतिम संस्कार हिंदू रीति से किया गया।

राजाराम जाट ने ताबूत बनाकर अकबर की अस्थियों का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। उस समय किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि अकबर की मौत के बाद उसके साथ ऐसा हो सकता है।

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