Haryana News:हरियाणा में सरकारी वाहनों के निजी इस्तेमाल करने वालों अफसरों पर सरकार सख्त, सरकारी गाड़ी के निजी इस्तेमाल पर कटेगी सैलरी
सरकारी पदों पर नियुक्त अधिकारियों को सरकार वाहन सुविधा उपलब्ध कराती है। लेकिन कई अधिकारी इन वाहनों का इस्तेमाल अपने निजी कामों के लिए करते हैं।

Haryana News :सरकारी पदों पर नियुक्त अधिकारियों को सरकार वाहन सुविधा उपलब्ध कराती है। लेकिन कई अधिकारी इन वाहनों का इस्तेमाल अपने निजी कामों के लिए करते हैं। अब हरियाणा सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ एक बड़ा फैसला लेकर आई है। इस फैसले का असर किसी भी अधिकारी पर पड़ेगा जो अपने सरकारी वाहन का इस्तेमाल निजी कामों के लिए करता है।
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निजी कार्यों के लिए सरकारी वाहनों के इस्तेमाल को लेकर सरकार को कई शिकायतें मिली हैं। इन्हीं शिकायतों के बाद हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है। भविष्य में यदि कोई अधिकारी अपने निजी कार्य के लिए सरकारी वाहन का प्रयोग करता है तो उसका भुगतान अधिकारी को करना होगा।

सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों व बोर्ड व निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों व विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को निर्देश जारी किए.
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अधिकारियों को बड़ा झटका!
सरकारी वाहनों से निजी समारोह या घर से दफ्तर और वापस आने-जाने के लिए 1,000 किमी तक की यात्रा पर छूट होगी, लेकिन इसके बदले वेतन से हर महीने 1,000 रुपये काटे जाएंगे. यदि वाहन निजी उद्देश्यों के लिए 1,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करता है, तो 6 रुपये प्रति किलोमीटर का शुल्क लिया जाएगा। लॉगबुक में सरकारी वाहनों के उपयोग को भी दर्ज किया जाएगा । हरियाणा सरकार ने तत्काल प्रभाव से नियमों का पालन करने का निर्देश जारी किया है।
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पहले भी नियम बने हैं लेकिन पालन नहीं हो रहा
यात्रा व्यय की वसूली में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव से लेकर प्रधान सचिव,, उप प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव और OPS तक को कोई रियायत नहीं मिलेगी। हालांकि, जो अधिकारी लिखित में सरकार को जानकारी देंगे कि वह निजी दौरों में सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा।

6 रुपए प्रति किलोमीटर की होगी वसूली
यदि कोई अधिकारी सरकारी दौरे के अलग यदि सरकारी वाहनों का प्रयोग करता है तो उसे 6 रुपये प्रति किमी के हिसाब से देना होगा। और लॉगबुक में पूरा ब्योरा देना होगा। सरकारी वाहनों के इस्तेमाल को लेकर सरकार ने पहले से ही कुछ सरकारी नियम बनाए हैं लेकिन कोई उनका पालन नहीं कर रहा है।




































