New Rail Corridor Haryana : अब हरियाणा से उत्तर प्रदेश तक दौड़ेगी छुक-छुक करती रेल, जल्द बनकर तैयार होगा हरियाणा से उत्तर प्रदेश तक रेल कॉरिडोर
आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर मिलेगा, जिसमें दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा शामिल होंगे । यह उत्तर प्रदेश की बड़ी योजना है जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा को एक करेगी ।

New Rail Corridor Haryana : हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच यातायात संपर्क को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं आरभ की जा रही हैं । आने वाले वर्षों में राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और रेलवे के विस्तार से दोनों राज्यों के लोगों को काफी लाभ होगा ।
New Rail Corridor Haryana
आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर मिलेगा, जिसमें दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा शामिल होंगे । यह उत्तर प्रदेश की बड़ी योजना है जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा को एक करेगी । इस परियोजना से क्षेत्र के आर्थिक विकास और यातायात में सुधार होगा । New Rail Corridor Haryana
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा सरल होने जा रही है । ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है, जिससे दिल्ली-एनसीआर और गाजियाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों को तेजी से बढ़ावा मिलेगा ।
पूर्वी ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में किया जाएगा । यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, बागपत, मेरठ और गौतम बुद्ध नगर को कवर करेगा । जब मालगाड़ियां इस कॉरिडोर से गुजरेंगी तो यह उद्योग के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगी ।
सार्वजनिक परिवहन इस कॉरिडोर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा । इस कॉरिडोर से हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगा। इसके अलावा, परिवहन आसान होगा और प्रदूषण भी कम होगा ।
यह गलियारा लगभग 135 किलोमीटर लंबा होगा । इस कॉरिडोर से एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने के लिए दिल्ली-एनसीआर जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी । New Rail Corridor Haryana
गलियारे की कुल लंबाई 135 किमी है । यह हरियाणा में 45 किलोमीटर और उत्तर प्रदेश में 90 किलोमीटर की दूरी तय करेगा । इस कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश के जेवर हवाई अड्डा, दादरी, न्यू बोडाकी डीएफसी, डीएनजीआईआर, ग्रेटर नोएडा फेज-II, गाजियाबाद, मेरठ और बागपत जिलों के लोगों को लाभ होगा । New Rail Corridor Haryana
यह गलियारा 2030 तक पूरा हो जाएगा । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को कॉरिडोर के निर्माण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है । इसके निर्माण से दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और रेलमार्गों पर दबाव कम होगा ।