Haryana: हरियाणा विधानसभा के सदन में क्यों भिड़े गीता भुक्कल और दुष्यंत चौटाला? जानें क्या है पूरी कहानी
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जींद के सरकारी स्कूल में छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में बड़ा खुलासा किया है. शीतकालीन सत्र के पहले दिन इस मामले पर बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल पर जमकर निशाना साधा.
Haryana: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के बीच तीखी बहस हो गई.
जींद के एक सरकारी स्कूल में बच्चों से छेड़छाड़ और उत्पीड़न के मामले को लेकर दोनों नेता भिड़ गए. गीता भुक्कल ने सरकार पर मामले में कड़ी कार्रवाई न करने का आरोप लगाया.
जवाब में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एक ही प्रिंसिपल के खिलाफ 2005 और 2011 में भी ऐसे ही मामलों को लेकर शिकायतें आई थीं. लेकिन तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने 2005 और 2011 में इसे बचा लिया.
डिप्टी सीएम चौटाला ने कहा कि 2011 में इसी तरह के एक मामले को लेकर तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के घर पर समझौता हुआ था.
उन्होंने बताया कि डीडीआर दर्ज होने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने पर उस समय गीता भुक्कल के झज्जर स्थित आवास पर पंचायत हुई थी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रिंसिपल को बचाने और समझौता कराने वाले नेताओं के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. दुष्यंत चौटाला के बयान के बाद सदन में काफी देर तक हंगामा होता रहा. भुक्कल ने चौटाला के आरोपों को खारिज कर दिया. दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बहस होती रही.
शिक्षा के मंदिर गीता में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं
जींद स्कूल प्रिंसिपल छेड़छाड़ मामले पर गीता भुक्कल ने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की खट्टर सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा, ”हमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसा कोई जुमला नहीं चाहिए.
आज शिक्षा के मंदिर में हमारी बहनें-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। पूरे देश में हमारी बदनामी हो रही है. हमने ध्यान आकर्षित किया है और हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा हो।’
एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए गीता ने आगे कहा कि हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध काफी बढ़ गए हैं। एक साल में 16,773 मामले सामने आए हैं.
इसके अलावा एक साल में 2640 बच्चे लापता हुए हैं. इनमें 1124 लड़के और 1516 लड़कियां हैं। हरियाणा असुरक्षित राज्यों की श्रेणी में है और हम चाहते हैं कि सरकार हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा करे।