Chankya Niti

Chanakya Niti:इन तरीकों से करें सच्चे मित्र की पहचान,कभी नहीं खाएंगे धोखा

यदि आप किसी कारणवश शत्रु या संकट में फंस गए हैं और कोई मित्र आपकी सहायता करने को तैयार है और आपकी समस्याओं को अपनी समस्या समझता है, तो जान लें कि वही आपका सच्चा मित्र है।

Chanakya Niti:चाणक्य नीति मित्रता और दोस्त के बारे में विस्तार से बताती है। चाणक्य ने बताया है कि मित्रता का हाथ बढ़ाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि भविष्य में धोखा न खाना पड़े।

जिंदगी में दोस्ती का रिश्ता हम खुद बनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आपको जीवन में सिर्फ एक सच्चा दोस्त मिल जाए, तो जीवन बेहतर हो जाता है, आप कभी भी खुद को अकेला नहीं पाते हैं या अपने रास्ते से भटकते नहीं हैं।

अगर आपको गलत लोग मिल जाएं तो जिंदगी बर्बाद हो सकती है, क्योंकि हजारों झूठे और स्वार्थी दोस्तों की तुलना में एक सच्चा दोस्त ही काफी होता है। चाणक्य नीति मित्रता और दोस्त के बारे में विस्तार से बताती है।

चाणक्य ने बताया था कि दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि भविष्य में धोखा न खाना पड़े।

असली दोस्ती की पहचान
हमारे आस-पास बहुत से लोग रहते हैं, जिन्हें हम दोस्त समझते हैं, लेकिन सच्चा दोस्त वही होता है, जो मुश्किल समय में साथ दे, इसलिए हमें दोस्त चुनते समय बहुत सावधान रहना चाहिए।

चाणक्य कहते हैं कि जो लोग दोस्त बनने का दिखावा करते हैं और स्वार्थ के लिए आपकी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं, उनसे दूर रहना ही बेहतर है। चाणक्य ने कहा है कि अगर कभी संकट के समय आंसू आएं तो उसे खुद ही पोंछ लेना बेहतर होता है

दोस्त बनाने से पहले इसे जांच लें
दोस्त बनाने से पहले उसके आचरण, चरित्र पर विचार करें। वह दूसरों के बारे में कैसा सोचते है वह उसके लिए हानिकारक व्यवहार नहीं है। ऐसे लोग आपके सामने कुछ और और आपके पीछे कुछ और होते हैं।

चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य के जन्मजात गुणों को बदला नहीं जा सकता, क्योंकि अगर नीम के पेड़ पर दूध का अभिषेक किया जाए तो भी वह कड़वा ही रहेगा और गुड़ नहीं बनेगा। कहने का अर्थ है बुरे लोगों के बारे में सोचना, संगति हमें उनके जैसा बनाती है।

शत्रु से घिर जाने पर
यदि आप किसी कारणवश शत्रु या संकट में फंस गए हैं और कोई मित्र आपकी सहायता करने को तैयार है और आपकी समस्याओं को अपनी समस्या समझता है,तो जान लें कि वही आपका सच्चा मित्र है।

सच्चे दोस्त नमक की तरह होते हैं
चाणक्य के अनुसार मीठा बोलने वाला मनुष्य चापलूस होता हैं और जो लोग नमक की तरह कड़वी सच्चाई का परिचय कराते हैं, सामने वाले को उसकी गलतियाँ बताते हैं, वही सच्चे मित्र होते हैं,क्योंकि वे अपना नहीं, बल्कि आपका भला चाहते हैं। लेकिन इतिहास गवाह है कि नमक में कभी कीड़े नहीं पड़ते।

अगर कोई दोस्त आपके या परिवार में किसी के बीमार होने पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो तो वही सच्चा दोस्त होता है। क्योंकि जब कोई इंसान बीमार होता है तो हर कोई उससे दूरी बना लेता है। ऐसे में अगर वह व्यक्ति हर तरह से आपके साथ खड़ा है तो वही वास्तव में आपका सबसे सच्चा दोस्त है।

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