लक्ष्य पाने मे मदद करेंगी चाणक्य की ये बातें

मनसा चिन्तितं कार्यं वचसा न प्रकाशयेत्  मंत्रेण रक्षयेद् गूढं कार्य्यं चापि नियोजयेत्

चाणक्य कहते हैं कि लक्ष्य के लिए मन में आए विचार को किसी के सामने व्यक्त नहीं करना चाहिए, बल्कि उस पर ध्यान लगाकर उसकी रक्षा करते हुए उसे पूरा करना चाहिए।

अपनी रणनीति और योजना साझा करते समय विशेष ध्यान रखें, क्योंकि आपकी एक छोटी सी लापरवाही बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।

प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति। सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥