रंक को भी राजा बना देंगी चाणक्‍य की ये नीति

वाणी और व्यवहार

मनुष्य की सफलता और असफलता में वाणी और व्यवहार की प्रमुख भूमिका होती है

कर्म

मनुष्य के कर्म ही उसके अच्छे और बुरे समय का कारण बनते हैं। अच्छे समय में पद या पैसे का घमंड नहीं करना चाहिए,जबकि बुरे समय में धैर्य रखना चाहिए

एकाग्रता

मनुष्य को सदैव अपने लक्ष्य प्राप्ति पर ध्यान केन्द्रित रखना चाहिए। इससे व्यक्ति को लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलती है