भारत की शांगरी-ला घाटी में जो भी गया, नहीं आया कभी वापस
शांगरी-ला को वायुमंडल के चौथे आयाम, समय से प्रभावित स्थानों में से एक माना जाता है
इस घाटी का जिक्र अरुण शर्मा ने अपनी किताब ‘दैट मिस्टीरियस वैली ऑफ तिब्बत’ में भी किया है
उनके मुताबिक एक लामा ने उन्हें बताया था कि शांगरी-ला घाटी में समय का प्रभाव नगण्य है
उन्होंने बताया कि अगर कोई वस्तु या व्यक्ति अनजाने में वहां चला जाता है, तो वह कभी वापस दुनिया में नहीं आ सकता।
अरुण शर्मा की किताब ‘दैट मिस्टीरियस वैली ऑफ तिब्बत’ में इस घाटी का जिक्र है
उनके अनुसार, युत्सुंग नाम के एक लामा ने उन्हें बताया था कि समय शांगरी ला घाटी में रहता है। वहाँ पहुँचने पर मन, जीवन शक्ति और विचार की शक्ति काफी बढ़ जाती है