Matribhasha Satyagrahi Pension Scheme: हरियाणा में मातृभाषा सत्याग्रहियों को खट्टर सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, अब हर महीने मिलेंगे 15,000 रुपये
Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में मातृभाषा सत्याग्रहियों की मासिक पेंशन 5,000 रुपये बढ़ाने का फैसला किया गया है. मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन अब 15,000 रुपये तक पहुँच गयी है।
Matribhasha Satyagrahi Pension Scheme: हरियाणा सरकार ने मंगलवार को ही हिंदी आंदोलन-1957 की मातृभाषा सत्याग्रहियों की मासिक पेंशन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। हरियाणा राज्य शुभ्रा ज्योत्सना पेंशन और अन्य लाभ योजना, 2018 के अंतर्गत मासिक पेंशन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई।
बयान में कहा गया है कि बढ़ी हुई पेंशन तत्काल प्रभाव से लागू होगी। 1957 में तत्कालीन पंजाब के कई हिंदी भाषियों ने अपनी मातृभाषा के सम्मान, प्रचार-प्रसार और कार्यान्वयन के लिए आंदोलन चलाया और मातृभाषा सत्याग्रही कहलाये।
भूखण्डों का स्वामित्व प्रदान करने की नीति को मंजूरी
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हिसार जिले के चार गांवों में लोगों को आवासीय भूखंडों का स्वामित्व देने के लिए एक नीति बनाने को भी मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत, 31 मार्च 2023 तक हिसार में 234 एकड़ से अधिक सरकारी पशुधन फार्म भूमि पर मकान बनाने वाले लोग मालिकाना हक के पात्र होंगे।
फीस भुगतान के बाद स्वामित्व दे दिया जाएगा
आधिकारिक बयानों के अनुसार, इन गांवों में ढंढूर, पीरनवाली, झिरी (चिकनवास) और बबरान (बस्ती और डिग्गी ताल) शामिल हैं। 250 वर्ग गज तक जमीन पर कब्जा और निर्माण करने वालों को 2,000 रुपये प्रति गज शुल्क अदा करने पर मालिकाना हक दिया जाएगा।
इसके अलावा जिन लोगों ने 250 वर्ग गज से लेकर 500 वर्ग गज तक के क्षेत्र में निर्माण किया है, उन्हें 3,000 रुपये तक प्रति वर्ग गज शुल्क चुकाने के बाद मालिकाना हक दिया जाएगा।
जबकि परिवार पहचान पत्र आईडी पात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए आवश्यक एकमात्र दस्तावेज के रूप में काम करेगा। जब तक सरकार द्वारा कोई अन्य आईडी अधिसूचित नहीं की जाती।