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Apple Self-Driving Car: Apple ने आखिर क्यों बंद कर दिया है इलेक्ट्रिक कार बनाने का सीक्रेट प्लान? टिम कुक का टाइटन हुआ फेल

Apple Self-Driving Car Project: इससे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे करीब 2000 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. इनमें से कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने की उम्मीद है जबकि अन्य को कंपनी की जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) परियोजनाओं में स्थानांतरित किया जा सकता है।

Apple Self-Driving Car: अमेरिकी टेक दिग्गज Apple ने अपना इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट बंद कर दिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 2014 में शुरू हुए टाइटन प्रोजेक्ट को बंद करने का फैसला किया है।

इससे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे करीब 2000 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. इनमें से कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने की उम्मीद है जबकि अन्य को कंपनी की जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) परियोजनाओं में स्थानांतरित किया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस करें
टेक्नोलॉजी की दुनिया में इस वक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काफी काम हो रहा है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे टेक दिग्गज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस कर रहे हैं और लगातार इसमें खुद को मजबूत कर रहे हैं।

इस बीच सैमसंग ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन S24 Ultra में AI फीचर्स देकर स्मार्टफोन अनुभव को अगले स्तर पर ले जाने की कोशिश की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ज्यादा फोकस कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Apple अब जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर फोकस करेगा। इसलिए, इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कई कर्मचारियों को कंपनी के एआई विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

प्रोजेक्ट ‘टाइटन’ क्यों रोका?
Apple ने आधिकारिक तौर पर अपने इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट को बंद करने का कोई कारण नहीं बताया है लेकिन माना जा रहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वैश्विक मंदी इसका बड़ा कारण हो सकती है.

ऐसे कई अन्य कारण हैं जिनकी वजह से Apple ने इस परियोजना को बंद करने का निर्णय लिया है, जैसे कि इस समय बैटरी इलेक्ट्रिक कारों और आंतरिक दहन इंजन (ICE) कारों के बीच कीमत में भारी अंतर…

हाल के महीनों में कई वैश्विक ब्रांडों ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन योजना में बदलाव किया है। मर्सिडीज-बेंज 2030 तक जहां भी संभव हो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने के लिए प्रतिबद्ध थी, जिससे वह अब पीछे हट गई है।

यहां तक ​​कि टेस्ला ने भी निवेश कम करने का फैसला किया है, जबकि कई अन्य ओईएम पूरी तरह से बैटरी से चलने वाली कारों के बजाय हाइब्रिड पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहे हैं।

टिम कुक की टाइटन विफल
प्रोजेक्ट टाइटन को प्रौद्योगिकी और ऑटोमोटिव दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया था। यह एप्पल और उसके सीईओ टिम कुक के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी लेकिन पूरी नहीं हो सकी, इसे बीच में ही बंद कर दिया गया।

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