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Income Tax Bill: फेसबुक, इंस्टाग्राम और ईमेल चलाने वालों की अब खेर नहीं, ये सोशल मीडिया अकाउंट भी होंगे आयकर विभाग के रडार पर, सरकार ने दी मंजूरी

New Income Tax Bill 2025: यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होने जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो आयकर विभाग को अगले वित्त वर्ष से नई कानूनी शक्तियां मिलने जा रही हैं।

Income Tax Bill: संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने गुरुवार को वित्त विधेयक 2025 को बहस के बाद लोकसभा को लौटा दिया। दूसरे शब्दों में, राज्य सभा ने वित्त विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। वित्त विधेयक की वापसी बजट प्रक्रिया के पूरा होने का प्रतीक है।

यह प्रक्रिया फरवरी में केंद्रीय बजट प्रस्तुत होने के बाद शुरू हुई। उच्च सदन ने विनियोग विधेयक (3) को भी ध्वनि मत से लोकसभा को लौटा दिया। संसद के निचले सदन लोक सभा ने 25 मार्च को वित्त विधेयक और 28 मार्च को विनियोग विधेयक पारित किया।

Income Tax Bill

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यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होने जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो आयकर विभाग को अगले वित्त वर्ष से नई कानूनी शक्तियां मिलने जा रही हैं।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 के तहत, आयकर विभाग के पास अब आपके सोशल मीडिया खातों, ई-मेल, बैंक खातों, ऑनलाइन निवेश और ट्रेडिंग खातों की जांच करने की कानूनी शक्ति है।

क्या कुछ बदलेगा?
यदि आयकर विभाग को संदेह है कि आपने कर चोरी की है या आपके पास बेनामी संपत्ति, नकदी, सोना, आभूषण या अन्य मूल्यवान वस्तुएं हैं, तो अधिकारी आपकी डिजिटल जानकारी की जांच कर सकते हैं।

पहले अधिकारी केवल घरों, तिजोरियों और लॉकरों की ही तलाशी ले सकते थे। लेकिन 1 अप्रैल 2026 से उनके अधिकार डिजिटल स्पेस तक विस्तारित हो जायेंगे।

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अब, यदि ऑनलाइन कर चोरी की जानकारी छिपाने का संदेह होगा, तो वे कंप्यूटर सिस्टम और ऑनलाइन खातों की भी जांच कर सकेंगे।

50 लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय का अनुमान
केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल परिव्यय 50.65 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है, जो चालू वित्त वर्ष से 7.4 प्रतिशत अधिक है।

अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये है और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 42.70 लाख करोड़ रुपये का सकल कर राजस्व संग्रह और 14.01 लाख करोड़ रुपये का सकल उधार प्रस्तावित है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय सतर्क रहता है और राजस्व को प्रभावित नहीं होने देता। उन्होंने कहा, “लेकिन, हम इस अवसर का उपयोग भारतीय करदाताओं के प्रति सम्मान दिखाने के लिए करना चाहते हैं।

हमने आयकर के लिए 12 लाख रुपये की सीमा तय करने की दिशा में कदम उठाए हैं, उस सीमा तक किसी को भी कोई कर नहीं देना होगा।”

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