Chankya Niti

Chanakya Niti:चाणक्‍य के अनुसार कब होती है पत्नी, मित्र और सेवक की पहचान

चाणक्य बताते हैं कि नौकर की पहचान तब होती है जब आपको उससे काम करवाना हो, रिश्तेदार की पहचान तब होती है जब आप मुसीबत में होते है, मित्र की पहचान जब होती है जब आप मुसीबत में होते है और पत्नी की पहचान तब होती है जब आपका धन चला जाता है।

Chanakya Niti: चाणक्‍य के अनुसार आसपास जितने अच्‍छे लोग होंगे, सफलता की संभावना उतनी ही प्रबल होगी। जीवन में सफल होने के लिए अच्छे लोगों का समर्थन, मार्गदर्शन, उपस्थिति और सलाह आवश्यक है।

अच्छे लोगों की पहचान करना बहुत ही जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य है। जिस प्रकार हाथ मिलाने वाला हर व्यक्ति सच्चा मित्र नहीं होता, उसी प्रकार मीठी बातें बोलने वाला हर व्यक्ति अच्छा विचारक नहीं होता। इसलिए रिश्तों के मामले में अधिक सचेत और जागरूक रहना चाहिए।

चाणक्य के अनुसार कोई व्यक्ति अच्छा है या बुरा इसका पता संकट के समय ही चलता है।अक्सर देखा गया है कि जब कोई व्यक्ति संकट में होता है तो स्वार्थी व्यक्ति सबसे पहले साथ छोड़ देते हैं। स्वार्थी लोग सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए रिश्ते और दोस्ती बनाते हैं। ऐसे लोगों से बचने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे लोग हमेशा छोड़ने के लिए तैयार रहते हैं।

चाणक्‍य के अनुसार कब होती है पत्नी, मित्र और सेवक की पहचान
चाणक्य बताते हैं कि नौकर की पहचान तब होती है जब आपको उससे काम करवाना हो, रिश्तेदार की पहचान तब होती है जब आप मुसीबत में होते है, मित्र की पहचान जब होती है जब आप मुसीबत में होते है और पत्नी की पहचान तब होती है जब आपका धन चला जाता है।

रिश्ते में ऐसा नहीं होना चाहिए
चाणक्य के अनुसार रिश्ते प्रेम पर आधारित होने चाहिए।जो रिश्ते पद, धन आदि पर आधारित होते हैं वे अक्सर अल्पकालिक होते हैं। रिश्ते जो भावनाओं और जिम्मेदारी की भावना से भरे होते हैं। वे रिश्ते हमेशा सफल होते हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी साए की तरह साथ रहते हैं।

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