Haryana

Chaudhary Devi Lal University: सिरसा में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में यौन शोषण के आरोप वाली गुमनाम चिट्ठी से घिरी खट्टर सरकार, दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कही ये बात

चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय में कुलपति के नाम मिला एक गुमनाम पत्र। इसमें 500 छात्रों की ओर से प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस बीजेपी-जेजेपी सरकार को घेर रही है.

Chaudhary Devi Lal University: सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति के नाम गुमनाम पत्र से हड़कंप मच गया है। गुमनाम पत्र में 500 छात्रों की ओर से प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने लिखा कि सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में 500 छात्रों द्वारा छेड़छाड़ और शोषण के गंभीर आरोप की खबर चिंताजनक है.

‘छात्रों को सरकार पर भरोसा नहीं’
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे लिखा कि यह दुखद है कि छात्रों को न्याय के लिए राज्यपाल और प्रधानमंत्री को पत्र लिखना पड़ रहा है. ऐसा लगता है कि राज्य की भाजपा-जजपा सरकार के पास महिलाओं के शोषण के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को बचाने का एक लंबा रिकॉर्ड है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह छात्रों के आरोपों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराए और उन्हें न्याय दे.’

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली सरकार में बेटियों की दुर्दशा देखिए
चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति के नाम मिले गुमनाम पत्र पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी भी बरसीं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया, ”कथित तौर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार में बेटियों की दुर्दशा देखिए।

सीडीएलयू की 500 छात्राओं ने पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. मुझे आश्चर्य है कि तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर शोषण करने के आरोपी प्रोफेसर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

मामला कुलपति के संज्ञान में आने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे साफ है कि आरोपी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। जब शिक्षा के मंदिर में बेटियों के साथ ये सब होगा तो वो कहां सुरक्षित रहेंगी? मैं सरकार से अपील करता हूं कि मामले की जांच कर दोषियों को सजा दी जाए ताकि बेटियों को न्याय मिल सके।’

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