India First Twin Tunnel Haryana :हरियाणा में जल्द बनेगी देश की पहली ट्विन टनल,जानिए ट्विन टनल कब तक पूरा होने की उम्मीद
सुरंग के 2026 तक तैयार होने का उम्मीद है। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के किनारे ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
India First Twin Tunnel Haryana : भारतीय रेलवे लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत चलनी आरभ हो गई है, बुलेट ट्रेन परियोजना चल रही है और देश की पहली रेलवे ट्विन टनल की योजना बनाई है।
हरियाणा रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने अपनी तरह की पहली सुरंग के निर्माण का खाका रेडी किया गया है। यह सुरंग अरावली की पहाड़ियों को काटेगी और देश में पहली बार एक साथ दो पटरियां बिछाई जाएंगी।India First Twin Tunnel Haryana
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के अंतर्गत आरभ की जाने वाली यह परियोजना डबल डेकर सुविधाओं से लैस होने की उम्मीद है। 4.7 किमी लंबी सुरंग 3.5 किमी वायाडक्ट द्वारा अन्य गलियारों से जुड़ी होगी।India First Twin Tunnel Haryana
यह सुरंग पलवल से सोनीपत तक रेल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगी, साथ ही सोहना और मानेसर मार्गों से भी जुड़ी होगी। यह सुरंग सोहना और नूह जिलों को रेल मार्ग से जोड़ेगी। सुरंग करीब 25 मीटर ऊंची होगी। हरियाणा ऑर्बिट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का हिस्सा होगा। एचआरआईडीसी ने हरियाणा में 100 प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण हासिल किया था।India First Twin Tunnel Haryana
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से फायदा होगा
सुरंग से दक्षिणी हरियाणा के मानेसर, सोहना और सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्रों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति ने यहां नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की घोषणा की है।
ऑर्बिट रेल कॉरिडोर का निर्माण कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे की तर्ज पर किया जा रहा है।एचआरआईडीसी के एमडी राजेश अग्रवाल ने कहा कि इंजीनियरिंग की दृष्टि से सुरंग बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। परियोजना का मूल्यांकन सभी तकनीकी मानकों पर किया जाएगा।
सुरंग का निर्माण कार्य 2026 तक पूरा होने की उम्मीद
सुरंग के 2026 तक तैयार होने का उम्मीद है। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के किनारे ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
यह गलियारा सोनीपत के खरखौदा के साथ-साथ दक्षिणी हरियाणा के मानेसर और सोहना जैसे औद्योगिक केंद्रों के लिए बहुत फायदेमंद होगा। आपको यह भी बता दूं कि खरखौदा भविष्य का ऑटोमोबाइल केंद्र है। मारुति ने यहां अपना नया विनिर्माण संयंत्र भी स्थापित किया है।