भाग्यशाली होते हैं वे मनुष्य जिनके पास होती हैं ये चार चीजें
कर्म ही पूजा है, यह सिर्फ एक कहावत नहीं बल्कि सच है
मनुष्य अपने कर्मों से महान बनता है, अपनी जाति से नहीं
अच्छे और बुरे कर्मों का फल केवल वर्तमान में ही नहीं बल्कि अगले जन्म में भी मिलता है
जीवन में एक बुद्धिमान और गुणी जीवनसाथी का परम सुख हर किसी को नहीं मिलता
यह सुख मनुष्य को पिछले जन्म के अच्छे कर्मों के आधार पर ही प्राप्त होता है