7th pay commission: केंद्र सरकार ने बदले ग्रेच्युटी के नियम, अब कर्मचारियों को मिलेगा ज्यादा फायदा
Gratuity Rules Changed: सरकार ने कर्मचारियों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ा दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने ग्रेच्युटी की टैक्स फ्री सीमा बढ़ा दी है.
7th pay commission: केंद्र सरकार ने डीए और एचआरए बढ़ाने के साथ-साथ ग्रेच्युटी के नियमों में भी बड़े बदलाव किए हैं। सरकार ने कर्मचारियों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ा दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने ग्रेच्युटी की टैक्स फ्री सीमा बढ़ा दी है. पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी और अब इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है.
सरकार के इस बदलाव का मतलब है कि अब आपको 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर कोई टैक्स (Tax free Gratuity) नहीं देना होगा. इस बदलाव से पहले टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपये थी. सरकार ने 2019 में टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी थी.
कब मिलती है ग्रेच्युटी?
अगर आप किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करते हैं तो आपको उस कंपनी से ग्रेच्युटी मिलती है। नए फॉर्मूले के तहत अगर आप किसी कंपनी में 5 साल के बजाय 1 साल तक रहते हैं तो आप ग्रेच्युटी के हकदार हैं।
फिलहाल इस नए फॉर्मूले पर काम किया जा सकता है. सरकार जल्द ही इस पर कोई भी फैसला ले सकती है. कोई अगर यह फैसला आता है तो प्राइवेट और सरकारी दोनों कर्मचारियों को काफी फायदा होगा.
ग्रेच्युटी क्या है?
कंपनी की ओर से कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है। ग्रेच्युटी का पैसा पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 5 साल तक एक ही संस्थान में काम करना होगा।
यह पैसा आमतौर पर तब दिया जाता है जब कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है या सेवानिवृत्त हो जाता है। अगर कर्मचारी के साथ कोई दुर्घटना होती है तो नॉमिनी को ग्रेच्युटी मिलती है.
ग्रेच्युटी की गणना कैसे की जाती है?
ग्रेच्युटी की कुल राशि = (अंतिम वेतन) x (15/26) x (कंपनी में काम किए गए वर्षों की संख्या)।
मान लीजिए कि एक कर्मचारी ने एक ही कंपनी में 20 साल तक काम किया है। उस कर्मचारी की आखिरी सैलरी 50000 रुपये है. एक महीने में केवल 26 दिन होते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। ग्रेच्युटी की गणना साल में 15 दिनों के आधार पर की जाती है.
ग्रेच्युटी की कुल राशि होगी = (50000) x (15/26) x (20)= 576,923 रुपये