Oil Price in India: दिवाली से पहले आम जनता के लिए खुशखबरी, तेल की कीमतों में आई गिरावट, फटाफट जानें ताजा कीमतें
Oil Price: हरियाणा और पंजाब की कपास की फसल कीटों के हमले से नुकसान की स्थिति में है। तेल की पैदावार कम है और तेल की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। हरियाणा और पंजाब की पेराई मिलें गुजरात से बिनौला तिलहन खरीद रही हैं। ऐसे में दिवाली त्योहार के बाद नरम तेलों की बढ़ती मांग को पूरा करना मुश्किल हो सकता है।

Oil Price in India: इस बार दिवाली से पहले लोगों को बड़ा तोहफा मिला है। दरअसल, देश के तिलहन बाजारों में पिछले सप्ताह सोयाबीन तिलहन की मजबूती को छोड़कर बाकी सभी तेल तिलहनों में गिरावट का रुख देखा गया।
बाजार सूत्रों ने कहा कि ब्राजील में खराब मौसम की वजह से शिकागो में सोयाबीन डी-ऑइल केक (डीओसी) की कीमतें पिछले शनिवार को एक प्रतिशत बढ़ गईं। विदेशों में भी सोयाबीन की कीमतें मजबूत हुई हैं।
इन सभी कारकों के कारण पिछले सप्ताह सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। उन्होंने कहा कि भारत में आयातक, जो अपनी खाद्य तेल की लगभग 55 प्रतिशत आवश्यकता के लिए आयात पर निर्भर है, कांडला बंदरगाह पर लागत मूल्य से कम कीमत पर आयातित खाद्य तेल (सोयाबीन) बेच रहे हैं।
थोक कीमतें गिर गईं
सूत्रों ने कहा कि पिछले हफ्ते, कांडला बंदरगाह पर बायोडीजल निर्माताओं ने दिसंबर अनुबंध सूरजमुखी तेल 76.50 रुपये प्रति लीटर पर खरीदा था। आयातित सूरजमुखी तेल इतना सस्ता हो गया है कि बायोडीजल कंपनियां इसे खरीद रही हैं। इस तेल को बाजार का ‘किंग ऑयल’ कहा जाता है।
लेकिन थोक कीमतों में गिरावट से किसी को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. पेराई तेल मिलों, तेल व्यापारियों, आयातकों, उपभोक्ताओं सभी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। थोक कीमतों में गिरावट के बावजूद खुदरा बाजार में खाद्य तेलों की महंगाई बरकरार है और उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल रही है।
मांग में वृद्धि
सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ताओं को सरसों का तेल लगभग 30 रुपये प्रति लीटर, मूंगफली का तेल 50-70 रुपये प्रति लीटर और सूरजमुखी का तेल लगभग 30 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। सूत्रों ने कहा कि सर्दियों में हलवाईयों और मिठाइयों की ओर से पाम पामोलीन तेल की कोई मांग नहीं है।
सर्दियों में पाम, पामोलीन की जगह सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की मांग बढ़ जाती है। व्यावसायिक सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेल का कारोबार अब पहले जैसा नहीं रहा, जब रबी तिलहन फसल की कमी को खरीफ उत्पादन बढ़ाकर पूरा करने का प्रयास किया जाता था।
यदि ख़रीफ़ में उत्पादन थोड़ा भी बढ़ जाए तो कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि जनसंख्या वृद्धि के साथ माँग भी बढ़ गई है। दूसरे शब्दों में, अब हम काफी हद तक विदेशी बाजारों और वहां से आयात पर निर्भर हैं और घरेलू उत्पादन के उतार-चढ़ाव से शायद यहां का बाजार प्रभावित नहीं होगा।
तेल-तिलहन की स्थिति
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देशी तेल बहुत नाजुक स्थिति में हैं क्योंकि उन पर सस्ते आयातित तेलों का भारी दबाव है जिससे इन देशी तेलों की खपत करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आयातित तेलों में उतार-चढ़ाव से घरेलू तेलों पर दबाव बढ़ जाता है।
कांडला बंदरगाह पर सॉफ्ट ऑयल का स्टॉक पहले से ही काफी कम है और इस बीच नवंबर में सॉफ्ट ऑयल का आयात कम होने की संभावना है। आगे त्योहारी व शादी-ब्याह के सीजन व सर्दी में नरमे तेलों की मांग और बढ़ने वाली है। इसलिए तेल संगठनों को आने वाले दिनों में नरम तेल की आपूर्ति के मामले में सरकार को रास्ता दिखाना चाहिए।
ये है कीमत
पिछले सप्ताह सरसों का थोक भाव 95 रुपये गिरकर 5,700-5,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। सरसों दादरी तेल 375 रुपये टूटकर 10,500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। शुद्ध सरसों और कच्चे तेल की कीमतें 50 रुपये गिरकर क्रमश: 1,785-1,880 रुपये और 1,785-1,895 रुपये प्रति टिन (15 किलोग्राम) रह गईं।
इसके विपरीत, सोयाबीन दाना और लूज की कीमतें पिछले सप्ताह 35-35 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 5,085-5,185 रुपये प्रति क्विंटल और 4,885-4,985 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुईं।
इसी प्रकार, सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 15 रुपये, 10 रुपये और 25 रुपये की मामूली वृद्धि के साथ क्रमश: 10,050 रुपये, 9,895 रुपये और 8,375 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
ऊंची कीमतों पर कमजोर खरीदारी के कारण पिछले सप्ताह मूंगफली तेल की कीमतों में गिरावट आई। मूंगफली तेल-तिलहन, मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव क्रमश: 125 रुपये, 300 रुपये और 50 रुपये टूटकर क्रमश: 6,700-6,775 रुपये प्रति क्विंटल, 15,200 रुपये प्रति क्विंटल और 2,255-2,540 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।
पिछले सप्ताह कमजोर मांग के बीच कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की कीमतें 175 रुपये गिरकर 7,725 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन दिल्ली की कीमतें 300 रुपये घटकर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलीन एक्स कांडला तेल की कीमतें 300 रुपये घटकर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं।
सर्दी के मौसम में भाव 175 रुपये की गिरावट के साथ 8,175 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सामान्य गिरावट के रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल की कीमतें भी 200 रुपये गिरकर 8,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुईं।