Success Story : महज 22 साल की उम्र, बिना कोचिंग और पहले प्रयास में ही पास कर ली UPSC, जानिए आईएएस चंद्रज्योति सिंह के संघर्ष की कहानी
आईएएस चंद्रज्योति सिंह यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक आदर्श हैं । दरअसल, उन्होंने बिना किसी कोचिंग के और महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली । पूरे भारत में उनका 28वां स्थान था ।

Success Story : पीएससी परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है । हर साल लाखों युवा इसकी तैयारी करते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं । कुछ युवा कई प्रयासों के बाद भी परीक्षा पास करने में असफल हो जाते हैं, लेकिन कुछ होनहार युवा पहले प्रयास में ही यूपीएससी पास कर सफलता प्राप्त कर लेते हैं ।
Success Story
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने बिना किसी कोचिंग के बेहद कम उम्र में यूपीएससी पास कर लिया । वह भारत की सबसे युवा आईएएस अधिकारियों में से एक बन गईं । आइये पढ़ते हैं इस होनहार अधिकारी की सफलता की कहानी
बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा की पास Success Story
आईएएस चंद्रज्योति सिंह यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक आदर्श हैं । दरअसल, उन्होंने बिना किसी कोचिंग के और महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली । पूरे भारत में उनका 28वां स्थान था ।
इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता हासिल करना दूसरों के लिए भी प्रोत्साहन की बात है । चंद्रज्योति के पिता दलबारा सिंह सेवानिवृत्त कर्नल हैं और उनकी मां लेफ्टिनेंट कर्नल मीना सिंह सेवानिवृत्त सेना रेडियोलॉजिस्ट हैं ।
10वीं-12वीं में भी शानदार प्रदर्शन Success Story
आईएएस अधिकारी चंद्रज्योति सिंह हमेशा से पढ़ाई में बहुत अच्छी रही हैं । मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने एपीजे स्कूल, जालंधर से कक्षा 10 में पूर्ण 10 सीजीपीए और भवन विद्यालय, चंडीगढ़ से कक्षा 12 में 95.4% अंक प्राप्त किए हैं ।
डीयू से स्नातक Success Story
स्कूली शिक्षा के बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से 7.75 सीजीपीए के साथ इतिहास में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की । उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की है ।
ऐसे की तैयारी
स्नातक करने के बाद चंद्रज्योति ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी । उन्होंने एक अच्छी अध्ययन योजना बनाई, समसामयिक विषयों पर ध्यान केंद्रित किया और नियमित रूप से अभ्यास के साथ मॉक टेस्ट भी दिए । Success Story
वह प्रतिदिन 6-8 घंटे पढ़ाई करती थी । अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने 2019 में पहली ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली और पूरे भारत में 28वीं रैंक हासिल की । उनकी सफलता की कहानी आज यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है ।