Interesting Facts : 99 प्रतिशत लोगों को नहीं पता होता की विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन को मेहंदी क्यों लगाई जाती है? जानिए इसके पीछे का असली कारण
मेहंदी को प्यार की निशानी माना जाता है, इसके रंग को लेकर कहा जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होगा, दुल्हन का जीवनसाथी उससे उतना ही अधिक प्यार करेगा। मेंहदी का चमकीला रंग दूल्हा-दुल्हन के लिए बेहद भाग्यशाली होता है।
Interesting Facts : मेहंदी एक पारंपरिक समारोह है जो आमतौर पर भारतीय विवाह में देखा जाता है। यह रस्म अक्सर विवाह से कुछ दिन पहले होती है जिसमें दूल्हा-दुल्हन के हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाई जाती है लेकिन ज्यादातर लोग नहीं जानते कि यह रस्म क्यों निभाई जाती है।
विवाह से पहले मेंहदी लगाने की रस्म अधिकतर राज्यों में प्रचलित है। मेंहदी लगाने की रस्म विवाह से कुछ दिन पहले निभाई जाती है। इसमें दुल्हन के हाथों और पैरों पर खूबसूरत मेहंदी डिजाइन की जाती हैं। यह समारोह दूल्हा और दुल्हन के परिवार के सदस्यों और दोस्तों द्वारा किया जाता है।
99 प्रतिशत लोगों को नहीं पता होता की विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन को मेहंदी क्यों लगाई जाती है? जानिए इसके पीछे का असली कारण
विवाह से पहले मेंहदी लगाने की रस्म क्यों की जाता है?
विवाह में मेंहदी लगाने की रस्म का धार्मिक और सामाजिक महत्व है। मेहंदी को सुंदरता और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। यह रस्म दुल्हन के रंग और खूबसूरती में चार चांद लगा देती है। हिंदू धर्म में मेहंदी सहित 16 सौंदर्य प्रसाधनों का उल्लेख मिलता है। मेहंदी दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।Interesting Facts
मेहंदी को प्यार की निशानी माना जाता है, इसके रंग को लेकर कहा जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होगा, दुल्हन का जीवनसाथी उससे उतना ही अधिक प्यार करेगा। मेंहदी का चमकीला रंग दूल्हा-दुल्हन के लिए बेहद भाग्यशाली होता है।
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ऐसा माना जाता है कि विवाह के दौरान दूल्हा और दुल्हन दोनों काफी घबराए हुए होते हैं। मेहंदी की प्रकृति ठंडी होती है इसलिए यह शरीर के तापमान को बनाए रखती है और शरीर को ठंडक पहुंचाती है। इसलिए दूल्हा-दुल्हन को मेंहदी लगाई जाती है। इसके अलावा, प्राचीन काल में मेंहदी का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी किया जाता था।Interesting Facts