Chanakya Niti: भूलकर भी 20 साल की उम्र में न करें ये गलतियां! जानें क्या कहती है चाणकय निति
आचार्य चाणक्य ने नीति ग्रंथ में 20 साल की उम्र के लड़के-लड़कियों के बारे में खास बातें बताई हैं। आचार्य का मानना है कि 20 साल की उम्र में भूलकर भी ये गलतियां नहीं करनी चाहिए।

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने नीति ग्रंथ में 20 साल की उम्र के लड़के-लड़कियों के बारे में खास बातें बताई हैं। आचार्य का मानना है कि 20 साल की उम्र में भूलकर भी ये गलतियां नहीं करनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति ग्रंथ में कहा है कि युवावस्था वह काल है जिसमें हमारा भविष्य निर्धारित होता है। इस दौर की गलती हमें आगे की सजा के रूप में परेशान करती है। आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान और बुद्धि से पूरे नंद साम्राज्य को हिलाकर रख दिया था।
चाणक्य नीति ने एक छोटे से बालक को एक महान साम्राज्य का शासक बना दिया, जिसे हम चंद्रगुप्त मौर्य कहते हैं। जीवन को आसान बनाने के लिए चाणक्य की बातें आज भी काफी प्रासंगिक हैं।
चाणक्य ने सामाजिक जीवन को ध्यान में रखते हुए बहुत कुछ लिखा। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि 20 साल की उम्र के बाद ये गलतियां नहीं करनी चाहिए।
घृणा और क्रोध से बचें
क्रोध भी मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। क्रोध व्यक्ति की सोचने की क्षमता को नष्ट कर देता है। नफरत बर्बादी की ओर ले जाती है. जब हम छोटे होते हैं तो गुस्सा हम पर हावी हो जाता है, जो इस पर काबू पा लेते हैं वही सफल होते हैं।
समय बर्बाद मत करो
चाणक्य कहते हैं कि युवावस्था में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि समय बहुत बलवान होता है और अगर इसकी महत्ता को न समझा जाए तो इसके कारण हमें जीवन भर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सफलता के लिए समय महत्वपूर्ण है.
पैसे की बर्बादी
चाणक्य के अनुसार हमें धन की बर्बादी से बचना चाहिए. आपको युवावस्था में पैसे के महत्व को समझना चाहिए। आचार्य ने कहा कि व्यक्ति को हमेशा धन की बचत करनी चाहिए। मुसीबत के समय बचाया हुआ पैसा काम आता है।
आलस्य से बचें
चाणक्य नीति के अनुसार आलस्य ही व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है. विशेषकर युवावस्था में आलस्य की आदत से बचना चाहिए। हमेशा याद रखें कि भगवान आलसी का साथ नहीं देते।