Chanakya Niti: अपने जीवन में भूलकर भी न करें इन जगहों पर निवास, वरना बर्बाद हो जाएगा जीवन
जीवन में कई बार इंसान कुछ ऐसा कर जाता है जिसका बाद में बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है। इस वजह से किसी भी इंसान को कुछ भी करने से पहले थोड़ा सोचना चाहिए।

Chanakya Niti: जीवन में कई बार इंसान कुछ ऐसा कर जाता है जिसका बाद में बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है। इस वजह से किसी भी इंसान को कुछ भी करने से पहले थोड़ा सोचना चाहिए। अगर हम थोड़ा सोच-समझकर फैसला लें तो हम भविष्य की कई समस्याओं से बच सकते हैं।
आचार्य चाणक्य ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नीति शास्त्र लिखा है जिसमें उन्होंने यह भी बताया है कि मनुष्य को कहां रहना चाहिए और कहां नहीं रहना चाहिए। अगर हमने इस चीज़ का चयन समझदारी से नहीं किया तो भविष्य में इसका परिणाम ग़लत हो सकता है। इसीलिए इस लेख में आगे हमने बताया है कि चाणक्य मनुष्य को किन जगहों पर न रहने की सलाह देते हैं।
मूर्ख लोगों के बीच मत रहो
आचार्य चाणक्य अपनी नीति में कहते हैं कि ऐसे स्थान पर कभी नहीं रहना चाहिए जहां मूर्ख या अशिक्षित लोग रहते हों। क्योंकि ऐसे लोगों में ज्ञान की कमी होती है, जिस कारण कभी-कभी अज्ञानता के कारण ये आपको शारीरिक या आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, मूर्ख लोगों के बीच रहने से कभी-कभी बुद्धिमान लोग भी भटक जाते हैं।
जहां आपको सम्मान नहीं मिलता
आज की दुनिया में हर कोई सम्मान चाहता है, लेकिन कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां लोगों को ये चीजें नहीं मिलती हैं। इसी कारण से आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में कहते हैं कि जहां सम्मान न हो वहां रहना पशु के समान है। इस वजह से ऐसी जगह पर रहने से व्यक्ति की छवि पर बुरा असर पड़ता है इसलिए उन्हें जल्द से जल्द वो जगह छोड़ देनी चाहिए।
जहां कोई रिश्तेदार नहीं है
आज के दौर में बहुत से लोग ऐसी जगहों पर रहते हैं जहां उनका कोई रिश्तेदार नहीं होता। आचार्य चाणक्य मनुष्य को उन जगहों पर भी नहीं रहने की सलाह देते हैं, क्योंकि जब उसे किसी रिश्तेदार की मदद की जरूरत होगी तो उसे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इस कारण से, चाणक्य ने उस स्थान पर रहने से इंकार कर दिया जहां उनका कोई रिश्तेदार न हो।
जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है
जिस तरह से दुनिया चल रही है ऐसे में हर इंसान का मानसिक विकास होना बहुत जरूरी है। इसके लिए उनके आसपास बुनियादी सुविधाओं का होना जरूरी है।
इसी कारण से आचार्य चाणक्य अपनी नीति में कहते हैं कि मनुष्य को कभी भी ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव हो। क्योंकि यह न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए हानिकारक हो सकता है।