Hunza Tribe : संसार की एक ऐसी जगह जहां बूढ़े नहीं होते लोग, बीमारी तो यहा आस पास भी नहीं भटकती
हुंजा भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर स्थित है। इस गांव को युवाओं का नखलिस्तान भी कहा जाता है। हुंजा गांववासियों की औसत आयु 110-120 वर्ष होती है।
Hunza Tribe : संसार में अनेक जनजाति हैं। ऐसी ही एक जनजाति हुंजा है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गिलगित-बाल्टिस्तान के पहाड़ों में हुंजा घाटी में पाई जाती है।
हुंजा भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर स्थित है। इस गांव को युवाओं का नखलिस्तान भी कहा जाता है। हुंजा गांववासियों की औसत आयु 110-120 वर्ष होती है।Hunza Tribe
इस जनजाति की खासियात यह है कि यहां के लोग बेहद खूबसूरत और जवान दिखते हैं। खासकर महिलाएं,जिनकी उम्र 65 साल है और वे इस उम्र में भी बच्चे को जन्म देती हैं।
हुंजा गांव हिमालय पर्वतमाला मे स्थित है। इसे विश्व की छत भी कहा जाता है। यह भारत के उत्तरी सिरे पर स्थित है, जहाँ भारत, पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान की सीमाए आपस मे मिलती है।
हुंजा जनजाति की आबादी लगभग 87,0 है यह जनजाति और इनका रहन-सहन सैकड़ों साल पुराना लगता है। हुंजा जनजाति कई वर्षों तक बिना किसी परेशानी के जीवित रहती है।
माना जाता है कि उनमें से कई 165 साल तक जीवित रहते हैं। हुंजा जनजाति की खास बात यह है कि ये बहुत कम बीमार होते हैं। ट्यूमर जैसी बीमारी के बारे में तो उन्होंने कभी सुना ही नहीं है।Hunza Tribe
इन लोगों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खान-पान और अच्छी जीवनशैली का असर लोगों की जिंदगी पर पड़ता है। हुंजा के लोग खूब शहद खाते हैं।
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कुछ लोग इन लोगों को यूरोपीय जाति से जोड़ते हैं। यहां के लोग गोरे-चिट्टे, युवा,खुशमिजाज और आसपास की आबादी से बिल्कुल अलग हैं।
ये लोग पानी में स्नान करते हैं। ये लोग वही खाना खाते हैं जो वे खुद उगाते हैं,जैसे खुबानी में जौ, बाजरा और एक प्रकार का अनाज, फल, सब्जियां और अनाज। वे कम खाते हैं और अधिक चलते हैं।
हर रोज 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलना और टहलना उनकी जीवनशैली का हिस्सा है। हंसना भी उनकी जीवनशैली का एक हिस्सा है।Hunza Tribe