Indian Railway: कभी-कभी आउटर पर क्यों रोक दी जाती हैं ट्रेनें?जानिए इसका कारण
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ट्रेन के ड्राइवर मनमाने ढंग से ट्रेन नहीं चला सकते, उन्हें निर्देश दिए जाते है

Indian Railway: अक्सर कई बार ऐसा होता है कि जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने वाली होती है तो उसे आउटर पर रोक दिया जाता है। कई बार ट्रेन को एक, दो घंटे या इससे भी ज्यादा समय तक आउटर पर खड़ा रखना पड़ता है।
कभी-कभी यात्री इतने दुखी हो जाते हैं कि ड्राइवर के पास पहुंच जाते हैं और उससे बहस करने लगते हैं।लेकिन, शायद ही यात्री इस बात से अनजान होंते है कि ट्रेन को आउटर पर रोकने का निर्णय ड्राइवर का नहीं होता है।
हम आपको बताएंगे कि ट्रेन को आउटर पर क्यों रोका जाता है, सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ट्रेन के ड्राइवर मनमाने ढंग से ट्रेन नहीं चला सकते, उन्हें निर्देश दिए जाते है कि अगर सिग्नल लाल है तो ड्राइवर ट्रेन को आगे बढ़ा दें। इसे नहीं चला सकते। जब तक ट्रेन चलाने का निर्देश नहीं आ जाता तब तक उन्हें आउटर पर ट्रेन रोककर निर्देशों का पालन करना होता है।
ऐसा क्यूँ होता है?
भारत में ट्रेनों का एक बड़ा नेटवर्क है। ट्रैक न होने और ट्रेनों की बढ़ती संख्या के कारण ज्यादातर ट्रेनें अपने निर्धारित समय से लेट होती हैं। ऐसे में स्टेशन पहुंचने से पहले प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं होने पर ट्रेन को आउटर पर रोक दिया जाता है। ट्रेन को आउटर पर रोकने का निर्णय स्टेशन प्रबंधक का होता है न कि ट्रेन चालक का।