Shoe Stealing Marriage Tradition : 99 प्रतिशत लड़कों को नहीं होता की विवाह मे सालियां क्यों चुराती है अपने जीजा के जूते, जानिए इसका सटीक कारण
विवाह में जूते चोरी होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि ऐसा माना जाता है कि जूते किसी के भी सारे राज खोल देते हैं। इसलिए शादी में दुल्हन की बहन और उसकी सहेलियाँ जूते चुराती हैं और अपने जीजा के व्यक्तित्व का परीक्षण करती हैं।

Shoe Stealing Marriage Tradition : आपने विवाह में दूल्हे के जूते चुराने की रस्म तो देखी और सुनी होगी। लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते हैं, तो आइए जानते है कि ससुराल वाले शादियों में जूते क्यों चुराते हैं?
भारत में अलग-अलग प्रांतों और संप्रदायों में विवाह समारोह अलग–अलग तरीके से होते हैं। विवाह में एक से बढ़कर एक समारोह होते हैं। आधुनिकता के इस दौर में कुछ रीति-रिवाज बदल गए हैं तो कुछ पीढ़ियों से चले आ रहे हैं।
ज्यादातर विवाह आज भी पारंपरिक तरीके से ही हो रहे हैं। कुछ विवाह समारोह ऐसे होते हैं जिनकी तैयारी लोग बड़े उत्साह से करते हैं। वे अनुष्ठानों का भी आनंद लेते हैं।
इन्हीं रस्मों में से एक है जूता चुराने की रस्म,जिसके बारे में शायद ही कोई जानता ना हो कि शादी में दुल्हन की बहन दूल्हे के जूते क्यों चुराती है ?
99 प्रतिशत लड़कों को नहीं होता की विवाह मे सालियां क्यों चुराती है अपने जीजा के जूते, जानिए इसका सटीक कारण
जूता चुराई की रस्म
किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले जूते-चप्पल उतारे जाते हैं। इसी तरह,जब दूल्हा शादी के मंडप में प्रवेश करता है, तो वह अपने जूते उतारता है। इसी बीच दुल्हन की बहने जूता चुराने की कोशिश करती हैं। हालांकि,दूल्हे के भाई जूतों को चोरी होने से बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन दुल्हन की बहन जूते चुरा लेती है।Shoe Stealing Marriage Tradition
यह रस्म विवाह में सास-बहू निभाती हैं। इस दौरान दुल्हन की बहन अपने जीजा से शगुन और महंगे उपहारों की मांग करती हैं। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, उन्हें जूते वापस नहीं मिलते। इस मजेदार समारोह की खास बात ये है कि इसमें दूल्हा-दुल्हन दोनों का साथ होता है।
जानिए विवाह मे सालियां क्यों चुराती है अपने जीजा के जूते
विवाह में जूते चोरी होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि ऐसा माना जाता है कि जूते किसी के भी सारे राज खोल देते हैं। इसलिए शादी में दुल्हन की बहन और उसकी सहेलियाँ जूते चुराती हैं और अपने जीजा के व्यक्तित्व का परीक्षण करती हैं।Shoe Stealing Marriage Tradition
विवाह के दौरान जूता चुराई की रस्म से ठीक पहले दूल्हा-दुल्हन सात फेरे लेते हैं और माता-पिता अपनी बेटी को दूल्हे को सौंप देते हैं। इस दौरान दुल्हन के परिवार वाले उदास हो जाते हैं। इस दौरान लड़की पक्ष, दुल्हन की बहन जीजा के जूते चुरा लेते हैं।
साथ ही जूता चुराई की इस रस्म के दौरान दोनों परिवारों के बीच बातचीत और हंसी–मजाक भी होता है। इससे सभी को एक-दूसरे को जानने में मदद मिलती है और रिश्ते मजबूत होते हैं। इसलिए जूते चुराने की रस्म को प्रेम वृद्धि भी कहा जाता है।