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Mini Switzerland: भारत की इस जगह को कहा जाता है ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ यहा बर्फबारी ना होने पर बनाई जाती है यहां बर्फ

Mini Switzerland Of India: भारी बर्फबारी के कारण यह जगह सफेद बर्फ से ढक गई है। और फिर स्विट्जरलैंड का आभास देता है।

Mini Switzerland: भारत अनगिनत खूबसूरत जगहों से घिरा हुआ देश है, यहां एक नहीं बल्कि कई मिनी स्विट्जरलैंड बसे हुए हैं। चाहे आप दार्जिलिंग जाएं या खजियार या चोपता, ये कुछ ऐसी जगहें हैं जिन्हें भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है।

लेकिन एक और जगह है, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं औली की, जहां बर्फबारी के कारण ये जगह एकदम सफेद बर्फ से ढक गई है। और फिर स्विट्जरलैंड का आभास देता है।

दिलचस्प बात यह है कि जब बर्फबारी नहीं होती तो यहां के लोग खुद ही हाथ से बर्फ का पहाड़ बना लेते हैं। भारत का यह मिनी स्विट्जरलैंड औली हर समय एक अलग ही खूबसूरती में नजर आता है।

यह एशिया का दूसरा सबसे ज्यादा लंबा रोपवे है
जोशीमठ को औली से जोड़ने वाला 4.15 किमी लंबा रोपवे यहीं स्थित है, जिसे एशिया का सबसे लंबा रोपवे कहा जाता है। यह रोपवे लोगों को टावरों के माध्यम से समुद्र तल से दस हजार फीट की ऊंचाई पर औली की ओर ले जाता है।

22 किमी लंबा रोपवे एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे है, इसके अलावा इसकी गति अन्य देशों के रोपवे से काफी अधिक है। एक केबिन में 25 पर्यटक रह सकते हैं। ऐसा रोपवे आपने स्विट्जरलैंड की तस्वीरों में देखा होगा।

स्लीपिंग ब्यूटी
औली के ठीक सामने एक पहाड़ है, जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई युवती बर्फ से ढकी लेटी हुई हो। ऐसी आकृति के बाद लोग इसे स्लीपिंग ब्यूटी कहते हैं, इसलिए इस जगह का नाम पड़ा।

आप यहां आसपास ढेर सारे प्राकृतिक नजारों का भी आनंद ले सकते हैं। इतना ही नहीं, यहां शांति से बैठने का जो आनंद है, वह आपको कहीं और नहीं मिल सकता।

औली स्कीइंग रेस के लिए अधिकृत है। आपको बता दें, स्कीइंग के लिए 1300 मीटर लंबा ट्रेक है, आप कहीं भी बर्फ के साथ ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं।

ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यहां कई चोटियां भी हैं जिन्हें आप अपनी सूची में शामिल कर सकते हैं, जैसे नंदादेवी, कामेट, मान पर्वत, दूनागिरी और जोशीमठ। अन्य छोटी चोटियाँ रेंज गोरसन, ताली, कुआरी दर्रा, खुलारा और तपोवन हैं।

बर्फबारी ना होने पर बनाई जाती है बर्फ
विश्व की सबसे ऊंची कृत्रिम झील औली में स्थित है। 25,000 किमी लंबी झील का निर्माण किया गया था जिस समय औली में बर्फबारी नहीं होती, उस दौरान इस झील के पानी से कृत्रिम बर्फ बनाई जाती है। बर्फ बनाने के लिए यहां फ्रांसीसी कृत्रिम मशीनें लगाई गई हैं।

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