Chankya Niti

Chanakya Niti: दुश्‍मन को देनी है मात तो चाणक्‍य की बातों को हमेशा रखें याद, फिर आपको कोई नहीं हरा पाएगा

चाणक्य नीति के अनुसार विपरीत परिस्थितियों में भी व्यक्ति को सकारात्मक सोचना चाहिए. शत्रु से पराजय का अनुभव होने पर भी धैर्य बनाए रखें।

Chanakya Niti: चाणक्‍य को भारत के सबसे बुद्धिमान विद्वानों में से एक माना जाता है, यही वजह है कि कई लोग आज भी उनकी बातों पर अमल करते हैं। चाणक्य ने अपनी नीति में कई ऐसी बातें बताई हैं जिनका पालन करने से लोगों का जीवन बदल सकता है

चाणक्य नीति के अनुसार विपरीत परिस्थितियों में भी व्यक्ति को सकारात्मक सोचना चाहिए. शत्रु से पराजय का अनुभव होने पर भी धैर्य बनाए रखें।

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को हमेशा अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना चाहिए. कभी-कभी इंसान गुस्से में अपना विवेक खो देता है। क्रोधित लोग ऐसे निर्णय ले लेते हैं जो उनके लिए सही नहीं होते।

जीवन, कर्म, धन, ज्ञान और मृत्यु।
क्योंकि इन पांचों की रचना गर्भ में रहते हुए ही देहधारी ने की है।

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य का जीवन, कर्म, धन, ज्ञान और मृत्यु एक समान हैं और इन पांच तत्वों का निर्माण मां के गर्भ में ही निर्धारित होता है। इस वजह से कोई चाहकर भी इसे बदल नहीं सकता।

जाइये और उस वन क्षेत्र को देखिये जिसकी कल्पना करना बहुत आसान नहीं है।
सीधे पेड़ काटे जा रहे हैं और कुबड़े खड़े हैं

इस श्लोक के माध्यम से आचार्य कहते हैं कि किसी भी इंसान को दिल से बहुत भोला या बहुत सरल नहीं होना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों को हमेशा नुकसान और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे जंगल में सीधे पेड़ पहले काटे जाते हैं और झुके हुए या तिरछे पेड़ छोड़ दिए जाते हैं।

वह जो ध्रुवों को त्याग देता है और अनित्य की सेवा करता है।
उसमें से जो स्थिर है वह नष्ट हो जाता है और जो अचल है वह भी नष्ट हो जाता है।

इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति निश्चित को गलत और अनिश्चित को सही मानता है उसका विनाश निश्चित है और उसका सब कुछ नष्ट हो जाता है। इस वजह से हर व्यक्ति को कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छे से सोच लेना चाहिए।

इच्छा रूपी गाय की तरह ज्ञान समय पर फल देता है।
ज्ञान वनवास में छुपी माता की संपत्ति के समान है
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान इच्छा रूपी गाय की तरह है जो हर परिस्थिति में मनुष्य के लिए फलदायी ही साबित होता है। विद्या मनुष्य के लिए माता के समान रक्षा करती है और गुप्त धन कहलाती है।

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