Chanakya Niti: इन जगहों पर भूलकर भी ना बनाएं घर,रहना हो जाएगा मुश्किल
चाणक्य के अनुसार यदि आपके आसपास कोई वेद जानने वाला ब्राह्मण न हो तो उस स्थान पर नहीं रहना चाहिए। साथ ही नदी और चिकित्सक के बिना भी मनुष्य का उस स्थान पर रहना व्यर्थ है।

Chanakya Niti:चाणक्य अपनी नीतियों के लिए जाने जाते हैं।आज भी लोग अपने जीवन के लगभग हर पहलू में उनकी नीतियों का पालन करते हैं।
घर एक ऐसी जगह है जहां मनुष्य को शांति और सुकून मिलता है। हर मनुष्य अपने परिवार से सबसे ज्यादा प्यार करता है। हर कोई चाहता है कि उसके परिवार में खुशहाली रहे।इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि आपका घर सही जगह पर हो।
इन जगहों पर भूलकर भी ना बनाएं घर,रहना हो जाएगा मुश्किल
चाणक्य के अनुसार मनुष्य को उस जगह को छोड़ देना चाहिए जहां उसका सम्मान न हो।साथ ही ऐसे स्थान पर रहना व्यर्थ है जहां किसी भी प्रकार का ज्ञान और गुण प्राप्त करने की संभावना न हो।
कोई भी मनुष्य नया रोजगार प्राप्त करने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता रहता है।इसके अलावा कई बार मनुष्य नई चीजें सीखने के मकसद से दूसरे जगह भी जाता है।लेकिन जब इनमें से कुछ भी संभव नहीं है तो ऐसे स्थान पर जाना व्यर्थ है।
चाणक्य के अनुसार यदि आपके आसपास कोई वेद जानने वाला ब्राह्मण न हो तो उस स्थान पर नहीं रहना चाहिए। साथ ही नदी और चिकित्सक के बिना भी मनुष्य का उस स्थान पर रहना व्यर्थ है।
चाणक्य के अनुसार जहां किसी भी प्रकार की सजा मिलने का डर न हो वहां नहीं रहना चाहिए।जीवित रहने के लिए मनुष्य में शिष्टाचार एवं व्यवसाय का विकास आवश्यक है।यदि किसी स्थान पर ये नहीं हैं तो मनुष्य को वहां नहीं रहना चाहिए।
हमें कहां रहना चाहिए इस विषय पर चाणक्य नीति कहती है कि, मनुष्य को ऐसे स्थान पर रहना चाहिए जहां दूसरों की भलाई के लिए कार्य किए जाएं।जिस स्थान पर मनुष्य मिलजुल कर रहते हों, ऐसे स्थान पर सदैव रहना चाहिए। इससे परिवार में भी सकारात्मक माहौल बनता है।