Bhagwat Geeta:डिप्रेशन से उबरने के लिए पढ़ें गीता के ये उपदेश, मिलेगा फायदा
गीता मे उलेख है कि संसार में परिवर्तन का नियम है। जीवन में सुख और दुःख दोनों हैं। मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए।

Bhagwat Geeta: श्रीमद भागवत गीता हिंदुओं के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक है। महाभारत के अनुसार, भगवान कृष्ण ने कुरुत्र क्षेयुद्ध के दौरान अर्जुन को गीता का संदेश सुनाया था। यह महाभारत के भीष्मपर्व के अंतर्गत दिया गया एक उपनिषद है।श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशो पर अमल करके आप अपने डिप्रेशन दूर कर सकते है ।
डिप्रेशन
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग डिप्रेशन की चपेट में आते जा रहे हैं। डिप्रेशन आमतौर पर लोगों को नकारात्मक सोचने पर मजबूर कर देता है।
गीता
गीता एक धार्मिक पुस्तक है जिसमें भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश शामिल हैं। इन उपदेशों से डिप्रेशन पर काबू पाया जा सकता है।
गुस्सा
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु गुस्सा है। गुस्से में इंसान कई बार गलत फैसले भी ले लेता है। गीता में क्रोध को मनुष्य का शत्रु बताया गया है।
परिवर्तन ही प्रकृति का नियम
गीता मे उलेख है कि संसार में परिवर्तन का नियम है। जीवन में सुख और दुःख दोनों हैं। मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए।
मन पर नियंत्रण
गीता के अनुसार जब भी आप डिप्रेशन से पीड़ित हों तो अपने मन पर नियंत्रण रखना सीखें। मन पर नियंत्रण रखकर डिप्रेशन से बचा जा सकता है।
देखने का तरीका [ नजरिया ]
गीता के अनुसार दूसरों की कमियां सामने आने से पहले अपनी कमियों पर काम करना चाहिए। दूसरों की कमियां निकालना भी आपको डिप्रेशन का शिकार बना सकता है।
वर्तमान का आनंद लें
गीता के अनुसार व्यक्ति को अतीत और भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि वर्तमान का आनंद लेना चाहिए।
आत्म मूल्यांकन
गीता हमें बताती है कि हमें अपना मूल्यांकन करते रहना चाहिए। यह हमें अपनी गलतियों से सीखने और जीवन में सफल होने का अवसर भी देता है।
अपने कर्म पर ध्यान दें
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मनुष्य को अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए न कि फल की चिंता करनी चाहिए।
फल की इच्छा मत करो
मनुष्य का अधिकार कर्म पर है, कर्म के फल पर नहीं। यदि आप अपना कर्म ईमानदारी से कर रहे हैं तो भगवान उसका फल अवश्य देंगे।