Crude Oil Import: सिर्फ रूस ही नहीं अब इस देश ने भारत के लिए सस्ता कर दिया है तेल
रूस, जो कभी भारत का सबसे बड़ा तेल आयातक था, अब कच्चे तेल की खरीद कम कर रहा है। रूस से घटते आयात के बीच सऊदी अरब ने भारत से नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी है।
Crude Oil Import: रूस से तेल आयात दिसंबर में 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। अटकलें थीं कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने भुगतान कठिनाइयों के कारण रूसी तेल से दूरी बना ली है।
हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी वजह डिस्काउंट को बताया। उन्होंने कहा कि भारत को जहां से भी सस्ता तेल मिलेगा, वहां से तेल खरीदेगा. ऐसा ही कुछ दिख रहा है. भारत अब सस्ते तेल के लिए रूस पर निर्भर नहीं रहेगा।
सस्ते कच्चे तेल के लिए भारत के पास कई विकल्प मौजूद हैं। सऊदी अरब इस कतार में तेजी से आगे बढ़ रहा है. सऊदी अरब से तेल की खरीदारी बढ़ रही है। सऊदी अरब ने भी भारत को स्पेशल ट्रीटमेंट देना शुरू कर दिया है.
सऊदी अरब से सस्ता तेल
सऊदी अरब ने एशियाई देशों के लिए कच्चा तेल सस्ता कर दिया है. सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने अरब लाइट क्रूड की कीमत में कटौती की है। इस कटौती के बाद यह 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
कच्चे तेल की कीमतों में कटौती से भारत को फायदा होगा। सऊदी अरब की अरामको ने फरवरी शिपमेंट के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 2 डॉलर तक प्रति बैरल की कटौती की है। इससे पहले कंपनी ने जनवरी मे लोडिंग के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 1.5 डॉलर प्रति बैरल की कटौती की थी।
भारत से खास दोस्ती
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से दौड़ रही है. भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विकास का इंजन माना जाता है। भारत जिस गति से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बन रहा है, उससे उसकी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। ऐसे में कच्चे तेल की खपत में और बढ़ोतरी तय है। सऊदी अरब भारत जैसे उपभोक्ता को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता.
भारत को फायदा
सऊदी अरब से सस्ते कच्चे तेल की कीमतों का असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा। आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होने की संभावना है।
तेल की कम कीमतों का मतलब कम मुद्रास्फीति है। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मई से अपरिवर्तित बनी हुई हैं ऐसे में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती से भारत को फायदा होने वाला है.